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Ananya Agarwal: पहले प्रयास में प्री भी क्लियर नहीं कर पायी थी अनन्या, फिर ऐसे बनी CGPSC में सेकंड टॉपर….पिता चलाते हैं मेडिकल शॉप

रायपुर11 मई 2023। दृढ़ निश्चय हो, कुछ कर गुजरने का जुनून हो और सब्र रखने की ताकत हो तो मंजिल मिलती जरूर है। अनन्या को इसी सब्र ने PSC का टॉपर बनाया। PSC की तैयारी में 5 साल का वक्त यूं तो ज्यादा लंबा नहीं होता, लेकिन अनन्या को लगता है कि उन्होंने 5 साल का लंबा वक्त लिया। अनन्या अग्रवाल ने गुरुवार रात जारी हुई PSC एग्जाम में सेकंड रैंक हासिल की है। NW न्यूज की टीम से बात करते हुए अनन्या अग्रवाल कहती है कि सफलता बिना संघर्ष के मिलती नहीं है, इसलिए उनके लिए भी ये संघर्ष काफी लंबा रहा। सरगुजा के लखनपुर की रहने वाली अनन्या के पिता मेडिकल शॉप चलाते हैं, जबकि मां हाउस वाइफ है।

पहले प्रयास में प्री भी क्लियर नहीं हुआ था

अनन्या कहती है कि शुरू से ही उनका सपना एडिस्ट्रेशन में जाने का था। 10TH में स्कूल टॉपर रही अनन्या को 12TH में 96 परसेंट नंबर मिले थे, जिसके बाद उनका एडमिशन दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुआ था। दिल्ली में ही उन्होंने कॉलेज के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। अनन्या कहतती है कि दो बार UPSC की परीक्षा दी, लेकिन दोनों बार वो प्री क्लियर नहीं कर पायी। जिसके बाद उन्होंने PSC की तैयारी शुरू की। अनन्या कहती है कि ये उनका सेकेंड अटेंप था। पहली बार वो प्री भी क्लियर नहीं कर पायी थी, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने ना सिर्फ प्री क्लियर किया, बल्कि मेंस और इंटरव्यू में जबदस्त परफार्मेंस करते हुए सेकंड रैंक भी हासिल की।

पिता मेडिकल शॉप चलाते हैं

अनन्या बताती है कि उनकी परीक्षा अच्छी गयी थी, लेकिन ये नहीं लगा था कि वो सेकंड टॉपर बन जायेंगी। अनन्या कहती है कि पीएससी या यूपीएससी एक साधना है। जिसमें आपको हर कुछ दांव में लगाना होता है। 2018 में मिली शुरुआती नाकामी पर अनन्या कहती है कि जब आपको शुरुआत में नाकामी मिलती हो, आप प्री भी क्लियर नहीं कर पाते हैं तो मन में काफी बुरे ख्याल आते हैं, डर लगता है, लेकिन इन सब के बीच हौसला रखना बहुत जरूरी है। मैंने हौसला रखा, शुरुआती नाकामी को सबक के तौर पर लिया और फिर आज भी कामयाब हुई हूं, तो काफी काफी अच्छा लग रहाहै।

तेंदुपत्ता को लेकर पूछा गया इंटरव्यू में सवाल

अनन्या से इंटरव्यू में पूछा गया कि तेंदुपत्ता से बीड़ी बनती है, ये तो स्वास्थ्य के लिए काफी खराब है, क्या तेंदुपत्ता की तोड़ाई बंद कर देनी चाहिये। जवाब में जो अनन्या ने कहा, उससे पूरा पैनल गदगद हो गया। अनन्या कहती है कि वो सरगुजा से आती है, सरगुजा में भी तेंदुपत्ता काफी होता है, इसलिए उनसे ये सवाल पूछा गया। जवाब में अनन्या ने कहा कि मैंने कहा कि तेंदुपत्ता लाखों परिवार की आजीविका का साधन है, ऐसे में इसे बंद करना उचित नहीं है। इस दौरान उन्होंने एक आंकड़ा देते हुए बताया कि 13.5 लाख परिवार तेंदुपत्ता संग्रहण के जरिये अपनी आजीविका चलाते हैं। इस आंकड़े को सुनकर इंटरव्यू पैनल ने अनन्या की तारीफ की।

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