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खालिस्तान समर्थक रैली पर सदन गरमाया: विपक्ष ने पूछा- रायपुर में जुलूस कैसा निकला? बैठक कर एकजुट कैसे हुए, पुलिस को पता नही था क्या?… विपक्ष ने किया हंगामा

रायपुर 23 मार्च 2023। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल के समर्थन में राजधानी में निकली रैली का मुद्दा आज सदन में भी गरमाया। शून्यकाल में धर्मजीत सिंह ने मुद्दे को उठाते हुए कहा कि रायपुर में खालिस्तान के समर्थन में रैली निकल रही है। अपराध को काबू नही कर पा रही है सरकार। अजय चंद्राकर ने करा कि छत्तीसगढ़ के लिए अलार्मिंग समय है। यहां खालिस्तान के समर्थन में रैली निकाले जा रहे हैं। वहीं धरमलाल कौशिक सरकार के सभी तंत्र आज फेल हो गए है, किसी सोर्स को नहीं पता की खालिस्तानी के समर्थन में रैली निकाली जा रही है। वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया।

जवाब में संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सरकार ने बैठक ली है निर्देश भी दिए हैं। जवाब पर सदन में हंगामा शुरू हो गया। दोनों पक्षों के बीच नोंकझोंक के बीच विपक्ष ने सरकार के इंटेलिजेंस पर सवाल खड़े किये। संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे, लंदन में दूतावास के सामने प्रदर्शन हो रहा, तो कौन दोषी है, जवाब में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, लंदन और वहां की सरकार दोषी है।

मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि देश विरोधी गतिविधियों में कोई भी संलग्न रहे, इस पर कार्रवाई होगी। ऐसी गतिविधि में संलग्न किसी व्यक्ति को छग में सर उठाने नही दिया जायेगा। इस मामले में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चर्चा की है इसकी सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। विपक्ष बार बार इस मामले में मुख्यमंत्री से वक्तव्य की मांग कर रहा था। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि अपराधियों का पनाहगाह छत्तीसगढ़ बन गया है। यहां के लोग सुरक्षित नहीं है, यहां का आवाम सुरक्षित नहीं है। देशद्रोही खालिस्तानी के समर्थन रायपुर में रैली निकालते हैं। कोई पूछने तक नहीं आता, कोई रोकता तक नहीं। पुलिस प्रशासन मौन है। रायपुर में जुलूस कैसा निकला? बैठक कर एक जुट कैसे हो गए, पुलिस को पता नही था क्या? कुछ दिन पहले पंजाब में खालिस्तानी एक अपराधी को थाने से छुड़ाकर ले गए थे। आप लोगो को नही पता क्या?

इधर आसंदी ने बीजेपी के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया, जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। बीजेपी ने सदन में नारेबाजी की, मुख्यमंत्री से वक्तव्य की मांग की गयी। मांग पूरी नहीं होते देख सत्तापक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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