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कॉलेजों की पढ़ाई में बड़ा बदलाव… अब ग्रेजुएट कोर्स में जरूरी होगी इंटर्नशिप… पढ़िये पूरी खबर

नयी दिल्ली 11 दिसंबर 2022। UGC ने अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम  का नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, इसकी घोषणा सोमवार को हो सकती है। यूजीसी के नए नियमों के ड्राफ्ट के अनुसार, ग्रेजुएट कोर्स में अब इंटर्नशिप भी जरूरी होगी. बता दें कि यूजीसी के नए नियमों के ड्राफ्ट के अनुसार ही छात्रों को तीन के बजाय चार साल पूरा करने पर ही ग्रेजुएशट ‘ऑनर्स’ डिग्री हासिल होगी।

 अगर कोई छात्र रिसर्च स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं तो उन्हें अपने चार साल के कोर्स में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा। इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। फिलहाल छात्रों को तीन साल के यूजी कोर्स को पूरा करने के बाद ऑनर्स डिग्री मिलती है।

नए अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में किताबी शिक्षा के साथ अनुभव और सीखने पर जोर दिया है. यूजी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए समर टर्म के दौरान 4 क्रेडिट वर्क आधारित लर्निंग इंटर्नशिप से गुजरना होगा। ये जानकारी नए पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क में दी गई है। इसके तहत जो छात्र पहले दो सेमेस्टर के बाद बाहर निकलना चाहते हैं, उन्हें यूजी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए इंटर्नशिप करनी होगी।

पाठ्यक्रम के नए प्राग्रोम का प्रमुख पहलू छात्र को वास्तविक कार्य स्थितियों में शामिल करना है। इससे सभी छात्र अपने या अन्य संस्थान में किसी फर्म, उद्योग, संकाय, संगठन या प्रयोगशाला में शोधकर्ताओम के साथ प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप आदि से जुड़ेंगे।  गर्मी की अवधि के दौरान उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा स्थानीय उद्योग, व्यापार संगठनों, स्थानीय सरकारें, संसद या निर्वाचित प्रतिनिधिम, मीडिया संगठन, कलाकार, शिल्पकार सहित विभिन्न प्रकार के कोर्स से संबंधित संगठन के साथ इंटर्नशिप का मौका दिलाया जाएगा ताकि छात्र अपने कोर्स से संबंधित विषय से व्यवहारिक और सक्रिय रूप से जुड़ सकें. यूजीसी के अधिकारियों का मानना है कि इससे रोजगार क्षमता में सुधार होगा. इसका मकसद आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से अवगत कराना भी है।

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