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रीपा: ‘बापू’ के ग्राम स्वराज का सपना भूपेश बघेल सरकार कर रही साकार, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से आत्मनिर्भर हुए ग्रामीण, मिला रोजगार

रायपुर 20 सितम्बर2023 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आत्मसात किया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि भूपेश बघेल सरकार की योजनाओं में ग्रामीण भारत के लिए बापू के देखे गए सपनों का अक्श साफ दिखता है. सीएम भूपेश बघेल खुद भी कह चुके हैं कि राष्ट्रपिता ने ग्राम स्वराज की जो कल्पना की थी, उसे पूरा करने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है. इसी का नतीजा भी है कि दूरदृष्टा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने योजनाएं भी इसी परिकल्पना के अनुरूप लाई है. भूपेश बघेल सरकार की ऐसी ही योजना है महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना का शुभारंभ करते हुए कहा था कि इस योजना के कारण स्वावलंबी ग्राम स्वराज का सपना साकार होने जा रहा है, जिसका स्वप्न बापू ने देखा था. इस योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होने से गांव आत्म निर्भर बन पाएंगे, जिसके कारण “आत्मनिर्भर भारत” का सपना भी साकार करने में छत्तीसगढ़ राज्य का सहयोग मिलेगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2 अक्टूबर 2022 गांधी जयंती के दिन महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना रीपा का शुभारंभ किया था. इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं. इन पार्कों के विकास के लिए राज्य सरकार ने 600 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है. प्रत्येक रीपा के विकास के लिए दो करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं. योजना के अंतर्गत गौठानों को महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से जोड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की आय में वृद्धि हो रही है. ग्रामीणों को आय में वृद्धि करने के नए स्त्रोत मिल पा रहे है, जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं. गाँव में उद्यमिता को बढ़ावा मिलने से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हो रहे हैं, जिससे लोगों को अब रोजी मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता

ग्रामीण और महिलाओं की संवर रही जिंदगी-

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत बने गौठानों में संचालित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से ग्रामीणों और महिलाओं की जिन्दगी संवर रही है. रीपा से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के सकारात्मक और बेहतर परिणाम सामने आने लगे हैं. ग्रामीण और महिलाएं अब खुद हुनरमंद होकर छोटे-छोटे रोजगार के जरिए स्वावलंबी बनने की ओर अग्रसर होने लगे हैं. भूपेश सरकार की रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना से गांवों में ग्रामीणों को रोजगार व स्व-रोजगार के अवसर मिलने लगे हैं. महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह में अग्रसर हो रही हैं. गांवों को उत्पादन का केन्द्र और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना अब ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने लगी है. ग्रामीणजन रीपा के माध्यम से अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में बदलाव के लिए पूरे मनोयोग से जुट गए हैं. महिलाएं चूल्हे चौके से बाहर निकली हैं और अब अत्याधुनिक मशीन चला रही हैं. महिलाओं को मशीन चलाने के बकायदा ट्रेनिंग भी दी गई है. इसके बाद आज महिलाएं पेंट, ईंट, दोना-पत्तल समेत 100 से ज्यादा प्रकार के सामान का उत्पादन कर रहीं हैं.

रीपा से बढ़े रोजगार और आय के साधन-

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है जहां विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. योजना के तहत प्रथम चरण में प्रत्येक विकासखण्ड में दो गौठानों का चयन किया गया है. ग्रामीण आजीविका पार्क में ग्रामीणों को आजीविका संवर्धन के लिए शासन की ओर से मूलभूत सुविधाएं, आधारभूत संचरना जैसे आंतरिक सड़क, विद्युत, जल एवं नाली व्यवस्था, वर्कशेड, भण्डारण, प्रशिक्षण, मार्केटिंग सपोर्ट, तकनीकी मार्गदर्शन इत्यादि उपलब्ध कराए जा रहे हैं. योजना में इच्छुक स्थानीय युवाओं, स्व-सहायता समूहों का चिन्हांकन कर उद्यमियों को बिजनेस प्लान के आधार पर मशीनरी और बैंक से ऋण, विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्रतानुसार अनुदान, सब्सिडी या शून्य ब्याज दर पर ऋण लेने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे गौठानों में स्थापित ग्रामीण औद्योगिक केन्द्रों में काम करने वाले ग्रामीण युवा उद्यमियों के सपनों को एक नया आयाम मिल रहा है.

उद्यमिता को बढ़ावा-

राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना रीपा से न केवल ग्रामीणों के जीवन में परिवर्तन आया है बल्कि उनके सफल उद्यमी बनने के सपनों भी साकार हो रहे हैं. केवल खेती-किसानी और मजदूरी तक सीमित रहने वाले किसानों को रीपा योजना से जोड़कर उद्यमियता को बढ़ावा दिया जा रहा है. रीपा योजना के तहत संचालित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नये-नये व्यवसाय की जानकारियां लेकर इनकी बारीकियां सीख रहे है. रीपा से ग्रामीणों की पारंपरिक गतिविधियां बरकरार रहने के साथ ही ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है. योजना के तहत लघु और कुटीर उद्योग स्थापित किया गया है. राज्य सरकार की ओर से छोटे-छोटे उद्योग धंधों के लिए रीपा में पानी, बिजली, जमीन जैसी सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. रीपा के माध्यम से गांव के लोगों को जरूरी वस्तुएं आस-पास उपलब्ध हो रही हैं, जिसके कारण अब उन्हें दूर शहरों की ओर नहीं जाना पड़ता है

रीपा में पांच प्रथम-

पहली बार सभी पंचायतों में गौठान पर सभी प्रकार के ग्रामोद्योग स्थापित किए जा रहे हैं

पहली बार सरकार ग्रामीणों के दरवाजे पर ग्रामीण उद्योग पैकेज दे रही है

पहली बार मेट्रो, जिला और ब्लॉक स्तर पर सामान्य मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सी-मार्ट बनाए गए

अलग-अलग समाज के सदस्यों को समाज बोर्डों का उपयोग करके प्रौद्योगिकी के माध्यम से उन्नत किया जा रहा है

ग्रामीण उद्योगों को पहली बार डिजाइन, ब्रांडिंग, सामान्य सुविधा केंद्र, पैकेजिंग सेवाएं प्रदान की जा रही हैं

रीपा योजना का उद्देश्य-

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को अपने गांव में ही आय का विकल्प उपलब्ध करवाना है, ताकि ग्रामीण गरीब परिवारों के लोग अपनी आय में वृद्धि कर पाए. इसलिए योजना के अंतर्गत पहले चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं. यानि की राज्य के सभी विकास खंडों में दो रूरल इंडस्ट्रियल पार्क.

योजना का लाभ उठाने के लिए ऐसे करें आवेदन-

अगर आप रीपा योजना यानि की महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के तहत आवेदन करना चाहते है तो आपको अपने गांव में सरपंच से मुलाकात करनी होगी. जो आपको नजदीकी क्षेत्र में जहां पर गोठानों में रिपा से जुड़ी ऐक्टिविटी की जाती होगी वहां पर आपको जुड़ने में मदद करेंगे.

ये कहते हैं आंकड़े-

300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना. रीपा में प्रस्तावित 1230 शेड में से 1173 निर्मित, 57 निर्माणाधीन. रीपा में 7 करोड़ से ज्यादा की सामग्रियों का उत्पादन, साढ़े 6 करोड़ रुपये से अधिक की सामग्रियों की बिक्री, सवा करोड़ से ज्यादा की हो चुकी है शुद्ध आय. रीपा के तहत प्रस्तावित 1546 गतिविधियों में 1103 गतिविधियां संचालित हैं, जिससे 10 हजार से ज्यादा हितग्राही सीधे जुड़े हैं……

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