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ब्रेकिंग : हाईकोर्ट का बड़ा फैसला – ससुर अगर सरकारी नौकरी में, तो भी बहु को अनुकंपा नियुक्ति से नहीं किया जा सकता वंचित… हाईकोर्ट ने राज्य सरकार का फैसला बदला…..दिवंगत शिक्षक की पत्नी ने दायर की थी याचिका …

रायपुर 19 नवंबर 2022। ससुर अगर शासकीय सेवा में हैं, तो भी बहु को अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है।…. शासकीय कर्मचारियों की अनुकंपा नियुक्ति पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है । हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश को भी निरस्त कर दिया है, जिसमें ससुर के शासकीय सेवक होने पर बहु को अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपात्र कर दिया गया था। दरअसल दिवंगत शिक्षक की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

दरअसल बेमेतरा जिले के कोदबा प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक LB  डोमेंद्र कुमार सिवारे की मौत 18 नवंबर 2021 को हो गयी थी। शिक्षक पति की मौत के बाद पत्नी ने 3 मार्च 2022 को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन पेश किया। विभाग की तरफ से आवेदन को ये कहते हुए निरस्त कर दिया कि शासकीय सेवक के पिता और आवेदिका के ससुर शासकीय सेवा में है, इसलिए उन्हें अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती।

इस आदेश के बाद अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से दिवंगत शिक्षक की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि अनुकंपा नियुक्ति निर्देश के तहत अविवाहित दिवंगत शासकीय सेवक के मामले में माता पिता को आश्रित माना गया है। लेकिन, दिवंगत विवाहित शासकीय सेवक के मामले में पिता को आश्रित नहीं माना गया है। इस कारण अनुकंपा नियुक्ति के लिए ससुर को परिवारिक सदस्य नहीं माना जा सकता।

परिवार के रूप में दिवंगत सेवक की पत्नी, बच्चे, दत्तक पुत्र, पुत्री शामिल हैं। लिहाजा, ससुर के शासकीय सेवा में होने से अनुकंपा नियुक्ति हेतु याचिकाकर्ता को वंचित नहीं किया जा सकता। प्रकरण की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी सेम कोशी ने आदेश दिया कि ..

किसी भी स्थिति में अनुकंपा नियुक्ति के लिए याचिकाकर्ता के ससुर को परिवार का सदस्य नहीं माना जा सकता। और ना ही उसे अनुकंपा नियुक्ति निर्देश में आश्रित की श्रेणी में रखा गया है। इस कारण याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति से अपात्र मानने का आदेश निरस्त किया जाता है। अन्य अहर्ता पूरी करने पर याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्देश दिया जाता है।

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