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ब्रेकिंग- चित्रसेन बने चुनाव आयोग के आईकॉन : बिना पैर माउंट एलबुर्स का सफर तय करने वाले चित्रसेन अब मतदाताओं के पोल बूथ के सफर को बनाएंगे आसान…..

रायपुर 03 नवंबर 2022: बिना पैरों के जीवन की कल्पना करना किसी भयावा सपने से कम नहीं लगता। वहीं हम कहें चित्रसेन ने बिना पैरों के भी जीवन को आसान बनाया है। छत्तीसगढ़ के जिला बालोद निवासी चित्रसेन साहू के दोनों पैर कृत्रिम हैं, मगर उनका सपना दुनिया भर के पर्वतों के शिखर पर पहुंचने का है। वह अब तक तीन महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी फतह पर तिरंगा फहराकर देश-दुनिया को प्लास्टिक मुक्त बनाने और दिव्यांगों को अपने पैरों पर खड़ा होने का संदेश दे चुके हैं। छत्तीसगढ़ के ब्लेड रनर, हाफ ह्यूमन रोबो के नाम से ख्यात चित्रसेन अब भारत निर्वाचन के आईकॉन बनाए गए हैं।

बिना पैर माउंट एलबुर्स का सफर तय करने वाले चित्रसेन अब मतदाताओं के पोल बूथ के सफर को आसान बनाने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे।Nwnews24 से बातचीत में चित्रसेन ने बताया कि ज्यादातर पोल बूथ में पहुंचने से दिव्यांग परहेज करते हैं। सीढ़ियों में चढ़ने से लेकर वहां तक पहुंचने में भी उन्हें वह बहुत दिक्कत होती है। इन सभी बातों को ध्यान में रख कर लोगों के बीच मतदान और उसके महत्व को समझाया जाएगा। साथ ही उन्हें पोल बूथ लाने के लिए नए आइडिया का भी विचार किया जाएगा।

ये है इनका रिकार्ड

चित्रसेन साहू ने बिना पैर के तंजानिया में माउंट किलिमंजारो, आस्ट्रेलिया में माउंट कोजीअस्को और रूस में माउंट एलब्रुस फतह कर रिकार्ड कायम किया है। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह देश के पहले डबल एंप्यूटी है। उन्होंने बताया कि दोनों पैर कृत्रिम होने की वजह से पर्वतारोहण में बहुत कठिनाइयां आती हैं।

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