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ब्रेकिंग : कैबिनेट बैठक में शिक्षकों के लिए हुए निर्णय का आखिर किसे होगा असली फायदा….. जाने क्या है इस निर्णय के पीछे होने वाले लाभ की असली सच्चाई !

रायपुर 22 नवंबर 2021।  आज की हुई कैबिनेट बैठक में मंत्रिमंडल ने शिक्षकों के संबंध में भी एक बड़ा निर्णय लिया है जिसके तहत पदोन्नति के लिए 5 वर्ष की बाध्यता को शिथिल करते हुए 3 वर्ष कर दिया गया है और यह मौका एक बार के लिए दिया गया है हालांकि यहां भी पेंच है प्रावधान बनाते समय हुए स्पष्ट कर दिया गया है की यह शिथिलता केवल प्रधान पाठक, शिक्षक और व्याख्याताओं के पद के लिए है यानी इसमें प्राचार्य का पद शामिल नहीं है । यानी सबसे बड़ा लाभ प्रदेश के उन सहायक शिक्षकों को होगा जिन्होंने लगातार आंदोलन करके सरकार की नींद उड़ा दी थी।

हालांकि उनकी असली मांग वेतन विसंगति दूर करने को लेकर है लेकिन जो आज निर्णय हुआ है उसका भी सीधे तौर पर लाभ सहायक शिक्षकों को ही ज्यादा है क्योंकि प्रधान पाठक के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे थे और जितने भी रेगुलर शिक्षक हैं वह पहले ही प्रमोट होकर उच्च पदों पर जा चुके हैं ऐसे में विभाग के यह पद रिक्त है और संविलियन के समय लिए गए निर्णय के अनुसार 5 वर्ष की सेवा अवधि के बाद ही सहायक शिक्षक (एलबी) कि इस पद पर पदोन्नति हो सकती थी ऐसे में सरकार के इस निर्णय के बाद यह पद आसानी से भरे जा सकते हैं जिससे स्कूलों को प्रधान पाठक के पद मिलेंगे तो वहीं सहायक शिक्षकों को प्रधान पाठक का दर्जा….. इसके साथ ही प्रधान पाठक बनने से वंचित सहायक शिक्षक शिक्षक के पद पर जा सकेंगे तो वही पदोन्नति से वंचित शिक्षक व्याख्याता के पद पर ।

अगर पिछले बार विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों पर नजर डालें तो मार्च 2020 की स्थिति में प्रदेश में प्राथमिक स्कूल में 20670 पद प्रधान पाठक के रिक्त थे और मिडिल स्कूल में 5715 प्रधान पाठक के पद रिक्त थे जिनकी संख्या अभी तक और बढ़ गई होगी ।इस प्रकार सरकार ने कुल मिलाकर सहायक शिक्षकों को थोड़ी खुशी देने का तो फार्मूला निकाल ही लिया है अब देखना है कि आम शिक्षक इस फार्मूले को किस नजर से देखते हैं ।

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