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CG- बिग न्यूज : अफसरों का फोन नहीं उठाते प्राचार्य व प्रोफेसर… आयुक्त ने लिखा कड़ा पत्र…उपस्थिति, बिना अनुमति डायरेक्टरेट आने पर पाबंदी, पढ़िये 15 बिंदुओं पर पत्र

रायपुर 20 दिसंबर 2022। प्रदेश के कॉलेज में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति समय पर ना होने पर उच्च शिक्षा विभाग ने कड़ी नाराजगी जताई है। उच्च शिक्षा आयुक्त ने इस संदर्भ में एक चिट्ठी लिखकर आगाह किया है कि शिक्षक और प्रचार्य के अलावे कालेज के कर्मचारी कम से कम 7 घंटे कॉलेज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। इस दौरान बायोमेट्रिक मशीन की अनिवार्य रूप से उपयोग सुनिश्चित करने की भी बात शिक्षा आयुक्त ने कही है। यही नहीं उन्होंने संचालनालय स्तर से अफसरों की तरफ से कॉलेजों को किये गये फोन कॉल नहीं उठाने पर भी नाराजगी जतायी है। पत्र में इस बात की भी हिदायत दी गयी है कि कॉलेज के प्राचार्य व कर्मचारी बिना अनुमति संचालनालय नहीं आयें।

उच्च शिक्षा आयुक्त शारदा वर्मा ने सभी प्राचार्यों को चिट्ठी लिखकर 15 बिंदुओं पर दिशा निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अनेक माध्यमों से यह बातें सामने आ रही है कि कॉलेजों के प्राचार्य, अध्यापक, सहायक प्राध्यापक और अन्य कर्मचारी समय पर कॉलेज नहीं आते हैं। डायरेक्टरेट द्वारा शासकीय कार्य से संबंधित कामों के लिए अगर फोन किया जाता है, तो उसे भी रिसीव नहीं करते हैं। जाहिर है कॉलेजों में प्रचार्य, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति नहीं रहती है, जिसकी वजह से अति आवश्यक शासकीय कामों के लिए महाविद्यालयों से जानकारी नहीं मिल पाती।

आयुक्त ने प्राचार्यों को निर्देश दिया है कि महाविद्यालय में प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक और अन्य कर्मचारी कार्यालय समय 10:30 से 5:30 के बीच जरूर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। वहीं दो पाली में संचालित कॉलेजों की कार्यविधि पहली पाली में 7:30 से 2:30 तक और द्वितीय पाली में कार्य थी सुबह 10:30 से शाम 5:30 तक यानि न्यूनतम 7 घंटे तक की होगी। पत्र में कहा है कि महाविद्यालय में पदस्थ सभी अधिकारी और कर्मचारी का मुख्यालय में रखना सुनिश्चित होना चाहिए। निर्देश के मुताबिक महाविद्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर करना भी जरूरी होगा। पत्र में कहा गया है कि उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक मशीन का निश्चित रूप से इस्तेमाल किया जाये।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि 2 अगस्त 2018 में खेल अधिकारियों की उपस्थिति के संबंध में जारी निर्देश को निरस्त कर दिया गया है। लिहाजा अब खेल अधिकारियों को भी अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों की तरह कालेजों में रहना जरूरी होगा। उनके द्वारा दी उपस्थिति रजिस्टर में अनिवार्य रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे। अन्य जगहों पर आयोजित खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिए उन्हें पूर्व में लिखित अनुमति लेनी होगी। पत्र के मुताबिक महाविद्यालय में नियमित खेल गतिविधि संचालित करते हुए अधिकारी खेल कक्ष को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी खेल अधिकारी की होगी। खेलकूद गतिविधियों के सुचारू संचालन के साथ ही महाविद्यालय के आवश्यकता अनुसार प्रचार्य और उन्हें सौपे गए अन्य दायित्वों का भी निर्वहन उनके द्वारा किया जायेगा।

वहीं ग्रंथपाल और प्रभारी ग्रंथपाल को भी लेकर पत्र में निर्देश दिया गया है। उच्च शिक्षा आयुक्त ने यह भी लिखा है कि शैक्षणिक और और शैक्षणिक अधिकारी कर्मचारियों लंबे समय से बिना सूचना के अनुपस्थित रहते हैं, जिनके खिलाफ प्रचार्य द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। आयुक्त ने निर्देश दिया है कि लंबे समय से अनुपस्थित अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

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