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CG ब्रेकिंग : नये तहसील का ऐलान … CM भूपेश की बड़ी घोषणा, रायपुर जयस्तंभ में लगेगी शहीद वीर नारायण की आदमकद प्रतिमा

रायपुर 10 दिसंबर 2021। बलौदाबाजार के दौरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई बड़े ऐलान किये। मुख्यमंत्री ऩे अपने संंबोधन में जनता की चिर प्रतिक्षित मांगों को पूरा करते हुए सोनाखान को तहसील बनाने का ऐलान किया। उन्होंने  आज शहीद वीरनारायण सिंह के शहादत दिवस पर सोनाखान में आयोजित कार्यक्रम में राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक पर शहीद वीरनारायण सिंह की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की है।

इससे पहले मुख्यमंत्री आज महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस पर अपने निवास कार्यालय में आयोजित स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालय के प्रतिभावान विद्यार्थियों के प्रतिभा सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के प्रारम्भ में शहीद वीर नारायण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

शहीद वीर नारायण को जयस्तंभ चौक पर दी गयी थी फांसी

आज वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस है।  1857 में आज ही के दिन 10 दिसंबर को रायपुर के जयस्तंभ चौक पर अंग्रेजों ने वीर नारायण सिंह को फांसी पर लटकाने के बाद तोप से उड़ा दिया था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गौरवशाली इतिहास में छत्तीसगढ़ के वीर सपूत शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।इतिहासकारों के मुताबिक सोनाखान के युवराज नारायण सिंह घोड़े पर सवार होकर अपनी रियासत का भ्रमण किया करते थे। भ्रमण के दौरान एक बार युवराज को किसी व्यक्ति ने जानकारी दी कि सोनाखान क्षेत्र में एक नरभक्षी शेर कुछ दिनों से आतंक मचा रहा है। प्रजा की सेवा करने में तत्पर नारायण सिंह ने तत्काल तलवार हाथ में लिए नरभक्षी शेर की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने कुछ ही पल में शेर को ढेर कर दिया। उनकी इस बहादुरी से प्रभावित होकर ब्रिटिश सरकार ने उन्हें वीर की पदवी से सम्मानित किया। इस सम्मान के बाद से युवराज वीरनारायण सिंह बिंझवार के नाम से प्रसिद्ध हुए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत वीर नारायण सिंह ने सन् 1857 में देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में छत्तीसगढ़ की जनता में देशभक्ति का की भावना का संचार किया। सन् 1856 के भयानक अकाल के दौरान गरीबों को भूख से बचाने के लिए उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कठिन संघर्ष किया और अपने प्राण न्योछावर कर दिए। शहीद वीर नारायण सिंह के देश की आजादी तथा मातृभूमि के प्रति समर्पण, बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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