ब्यूरोक्रेट्स

CG- शाम ढलते ही इस जिला के कलेक्टर ने अस्पताल में मारा छापा, 10 डॉक्टर सहित 22 मेडिकल स्टाफ को नोटिस जारी कर 24 घंटे में मांगा जवाब….मचा हड़कंप

मुंगेली 21 जुलाई 2022। सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत दुरूस्त करने के लिए मुुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने आज देर शाम अचानक जिला अस्पताल में छापामार कार्रवाई की गयी। अस्पताल मेें कलेक्टर के पहुंचते ही हड़कंप मच गया। यहां मरीजों का इलाज कर रही महिला डॉक्टर को जहां कलेक्टर ने बूके भेंट कर उनके कार्यो की सराहना की, वही डयूटी समय में गायब 10 डॉक्टरों सहित 22 स्टॉफ को शो कॉज नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया हैं।

गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर प्रयासरत हैं। ऐेसे में सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था को दुरूस्त करने की दिशा में आज मुंगेली कलेक्टर राहुल देव एक्शन में नजर आये। डयूटी समय पर हॉस्पिटल से नदारद रहने वाले चिकित्सकों की हकीकत जानने के लिए कलेक्टर ने आज सुबह की बजाये देर शाम 6ः10 बजें जिला अस्पताल में आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे। यहां अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी चेक करने पर पता चला कि 11 डाक्टरों की डयूटी समय में हॉस्पिटल में महज एक डॉक्टर मौजूद हैं, जबकि 10 डॉक्टर अस्पताल से नदारद मिले।

इसी तरह 12 मेडिकल स्टाफ डयूटी समय पर हॉस्पिटल में अनुपस्थित मिले। इस जानकारी के बाद कलेक्टर का गुस्सा फूट पड़ा, उन्होने तत्काल सीएमएचओं को निर्देशित कर सभी नदारद डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को शो कॉज नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया। इसके बाद जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज सहित अन्य व्यवस्था की भी कलेक्टर ने जानकारी ली। जिस पर संतोषजनक जवाब नही मिलने पर जल्द से जल्द अस्पताल की व्यवस्था दुरूस्त करने का निर्देश दिया गया। कलेक्टर राहुल देव ने चेतावनी देते हुए साफ किया कि जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को डॉक्टरों की गैर मौजूदगी के कारण भटकना ना पड़े।

मरीजों को समय पर बेहतर उपचार देने की व्यवस्था बहाल करने वरना लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर राहुल देव के आकस्मिक निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ हैं। 10 डॉक्टरों सहित कुल 22 मेडिकल स्टॉफ को जारी नोटिस में साफ कहा गया हैं कि संतोषप्रद जवाब नही होने पर छ.ग.सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर के इस सख्ती के बाद लापरवाह डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की नींद हराम होना तय माना जा रहा हैं।

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