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CG: कलेक्टर की फटकार का असर…..20 घंटे में ही ठेका कंपनी ने शुरू किया बंद पड़े सड़क निर्माण का काम, PWD की मनमानी का खुलासा होेने के बाद मचा है हड़कंप

कोरबा 23 मार्च 2022 । कोरबा कलेक्टर रानू साहू की सख्ती और 48 घंटे के भीतर सड़क निर्माण का काम शुरू करने दिये गये अल्टीमेटम का असर हुआ है। यहां फंड जारी नही करने का हवाला देकर सड़क निर्माण के काम को बंद करने वाले ठेका कंपनी ने 24 घंटे के भीतर ही सड़क निर्माण का काम दोबारा शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मंगलवार को कोरबा कलेक्टर ने समय सीमा की बैठक में सड़को की स्थिति की समीक्षा कर रही थी। बात जब ईमलीछापार -सर्वमंगला सड़क निर्माण के बंद कार्य पर पहुंची, तो कलेक्टर का गुस्सा PWD के अफसरों पर फूट पड़ा। दरअसल SECL के CSR मद से बनाये जा रहे सड़क की निर्माण एजेंसी PWD को बनाया गया है। पिछले दिनों ठेका कंपनी के दबाव में PWD ने काम पूरा कराये बगैर ही दूसरी किश्त जारी करने की मांग कर दी थी। आधा-अधूरे सड़क निर्माण और कार्य की धीमी गति से नाराज कलेक्टर ने जब ठेका कंपनी को जारी किये गये भुगतान और कार्य की स्थिति की रिपोर्ट मांगी, तो PWD विभाग की पोल खुल गयी।

दस्तावेजों के अवलोकर से खुलासा हुआ कि विभाग ने बिना स्वीकृति के ही 11 करोड़ रूपये का कार्य जो कि DPR में दर्ज ही नही था, उसे कराकर ठेका कंपनी को फायदा पहुंचाया गया। इसके साथ ही कई बड़ी खामियां भी सामने आई जिसे लेकर जब कलेक्टर ने बैठके के दौरान जब सवाल-जवाब किया गया,तो अफसरों के माथे पर पसीना और चिंता की लकीरे खींच गयी थी। फिर क्या था बैठक में ही कलेक्टर रानू साहू ने PWD के ईई को फटकार लगाते हुए 48 घंटे के भीतर बंद पड़े सड़क का काम दोबारा शुरू करने का अल्टीमेटम दे दिया गया।

फिर क्या 48 घंटे के अल्टीमेटम से पहले ही ठेका कंपनी के साथ ही PWD विभाग के अफसर बैक फूट पर नजर आये, और 24 घंटे के भीतर ही सड़क निर्माण का बंद पड़ा काम दोबारा शुरू कर दिया गया। कलेक्टर ने साफ किया है कि फंड की कमी नही है, ठेका कंपनी गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण करे, विभाग को फंड बिना देरी उपलब्द्ध करायी जायेगी। खैर कलेक्टर की सख्ती का ही असर है कि निर्माणाधीन सड़क का बंद पड़ा काम दोबारा शुरू हो गया है, जिससे एक बार फिर स्थानीय लोगों के साथ ही राहगिरों को राहत मिली है।

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