क्राइम

CG : जिला पंचायत में मीटिंग से लौटकर पंचायत सचिव ने लगाई फांसी,परिजनों का आरोप….अधिकारियों के दबाव से परेशान होकर उठाया कदम,सचिव संघ ने की जांच की मांग

अंबिकापुर 3 जनवरी 2023। अंबिकापुर जिले में एक पंचायत सचिव ने जिला पंचायत में आयोजित मीटिंग में शामिल होने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद मृतक के परिवार ने मृतक पर अधिकारियों का अनावश्यक दबाव का आरोप लगाया गया है। मृतक के बेटे ने बताया कि उसके पिता पिछले कुछ दिनों से अधिकारियों के दबाव के कारण काफी परेशान थे, जिससे तंग आकर उन्होने फांसी लगा ली। उधर इस घटना के बाद सचिव जहां जिला पंचायत के अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है। वहीं सचिव संघ ने घटना की जांच की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक पूरा घटनाक्रम कोतवाली थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि सहन साय ग्राम पंचायत लालमाटी में सचिव के पद पर पदस्थ था। मंगलवार को जिला पंचायत के सभागार में विकसित भारत संकल्प यात्रा से क्रियान्वयन के लिए मीटिंग आयोजित की गयी थी। इस मीटिंग में पंचायत सचिवों को विशेष रूप से शामिल किया गया था। बैठक के दौरान ग्रामीण स्तर पर केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही पीएम जनमन योजना का प्रमुखता से क्रियान्वयन का लक्ष्य दिया गया था। बताया जा रहा है कि मीटिंग में शामिल होने के बाद पंचायत सचिव सहन साय देर रात करीब साढ़े 12 बजे वापस अपने घर रघुनाथपुर पहुंचे थे।

घरवालों ने जब घर देर से पहुंचने का कारण पूछा तब कार्यायल के काम का दबाव होने की बात कहकर सहन साय अपने कमरे में चला गया। इसके बाद सुबह उसने घर कमरे में फांसी लगा ली।मृतक सचिव सहन साय के बेटे जितेंद्र कुमार ने बताया कि उनके पिता कार्य के प्रति काफी गंभीर थे। बीती रात अधिकारियों की मिटिंग में वे जिला पंचायत आए थे। जहां से लौटने के बाद अधिकारियों के अधिक दबाव में वे डिप्रेशन में थे। जिसे वे बर्दाश्त नही कर पाये और सुबह आत्महत्या कर लिये।

घटना की सूचना मिलते ही जिला पंचायत में अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया। उधर इस घटना की जानकारी के बाद पंचायत सचिव संघ के पदाधिकारी भी मिशन अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मृत पंचायत सचिव सहन साय के परिजनों से चर्चा कर घटना की जानकारी ली। जिसके बाद संघ के जिलाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने परिवार वालों के आरोप पर बयान देते हुए कहा कि यदि दबाव था तो इसकी जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही संबंधित अधिकारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज होना चाहिए।

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