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CG- प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों की जान से खिलवाड़ …स्मोक डिटेक्टर मिला ठप….अचानक इंसपेक्शन करने पहुंची कलेक्टर तो खुली पोल,बड़ा हादसा हुआ तो…

कोरबा 10 नवंबर 2021- छत्तीसगढ़ में प्राईवेट और सरकारी अस्पताल मरीजों के लिए कितने सुरक्षित है, ये सवाल एक बार फिर उठने लगा है। जीं हां मध्य प्रदेश के भोपाल में नेहरू बाल अस्पताल में पीडियाट्रिक वार्ड में आग लगने से 4 नवजात बच्चों की मौत ने अस्पताल प्रंबधन की चकाचौध और सुरक्षा इंतेजामों पर सवाल खड़ा कर दिया है।

भोपाल में हुए इस घटना के बाद बुधवार को छुटटी के दिन कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने कोरबा के सबसे बड़े निजी हॉस्पिटल एनकेएच में टीम के साथ छापामार कार्रवाई की। यहां हॉस्पिटल के थर्ड फ्लोर पर जब पेपर जलाकर स्मोक डिटेक्टर का जांच किया गया, तो वह ठप्प मिला। कलेक्टर के सामने हुए इस जांच के बाद जहां एक बार फिर प्राइवेट अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गये है, वही कलेक्टर ने एक सप्ताह के भीतर सब कुछ दुरूस्त करने की चेतावनी अस्पताल प्रबंधन को दी है। गौरतलब है कि भोपाल के नेहरू बाल अस्पताल में हुए आगजनी की घटना में 4 मासूम बच्चों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ सरकार भी अलर्ट मोड पर है। बुधवार को कोरबा कलेक्टर निगम कमिश्नर कुलदीप शर्मा के साथ शहर के न्यू कोरबा हॉस्पिटल मेें सुरक्षा व्यवस्था की जांच करने पहुंची। यहां अस्पताल में लगे फायर फाईटिंग सिस्टम की जांच करने के बाद कलेक्टर ने हॉस्पिटल के वार्ड और आईसीयू सहित पीडियाट्रिक वार्ड का निरीक्षण किया।

फायर फाईटिंग सिस्टम के साथ ही हॉस्पिटल में आग लगने की स्थिति में बचाव के उपाय और आपातकालीन व्यवस्था की जानकारी के साथ ही जांच की गयी। इसी दौरान हॉस्पिटल के थर्ड फ्लोर पर पहुंचकर कलेक्टर रानू साहू ने अचानक हॉस्पिटल बिल्डिंग में जगह-जगह लगे स्मोक डिटेक्टर को चेक करने का निर्देश दिया गया। जिसके बाद हॉस्पिटल के स्टाफ ने पेपर जलाकर स्मोक डिटेक्टर के पास धुंआ किया गया, लेकिन धुंआ उठने के कई मिनट बाद भी हॉस्पिटल का ना तो फायर अलार्म बजा और ना ही स्मोक डिटेक्टर अलर्ट मेाड पर नजर आया।

इस नजारे को देख अस्पताल प्रबंधन के माथे पर जहां पसीना नज़र आने लगा, वही कलेक्टर ने इस बड़ी चूक पर जमकर नाराजगी जतायी और अस्पताल प्रबंधन को सुरक्षा व्यवस्था में चूक बर्दाश्त नही किये जाने की बात कहते हुए एक सप्ताह के भीतर सारी व्यवस्था दुरूस्त करने की चेतावनी दी गयी। इसके बाद कलेक्टर ने जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय का आक्समिक निरीक्षण किया। यहां भी कलेक्टर ने गंभीर नवजात शिशुओं के उपचार के लिए बने एसएनसीयू का निरीक्षण किया। सुरक्षा व्यवस्था और फायर फाईटिंग में कमी मिलने पर उसे तत्काल दुरूस्त करने का निर्देश दिया है। छुटटी के दिन कलेक्टर रानू साहू की इस छापामार कार्रवाई से स्वास्थ महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। निजी अस्पतालों के साथ ही शासकीय अस्पतालों में भी ठप्प पड़े फायर फाईटिंग और आपातकालीन व्यवस्था को दुरूस्त करने की तैयारियां एक बार फिर शुरू कर दी गयी है।

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