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CG – 72 घंटे बाद भी PMGSY के बंधक बने सब इंजीनियर की रिहाई का इंतजार, मदद की आश में आंखों में आंसू लिए जंगल मे भटक रही पत्नी, नक्सलियोें के चंगूल से छूटे पियून ने बताया….

 

बीजापुर 14 नवंबर 2021- बीजापुर के धुर नक्सल प्रभावित गोरना गांव क्षेत्र से सब इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा का अपहरण के 72 घंटे बाद भी नक्सलियों के चंगुल से रिहाई का इंतजार है। अजय रोशन की पत्नी अपने मासूम बेटे के साथ मदद की आश में जंगल में भटक रही है और नक्सलियों से अपने पति को छोड़ने की नम आंखों से गुहार लगा रही है। वही इस बीच 12 नवंबर की देर शाम नक्सलियों ने सब इंजीनियर के साथ बंधक बने पियून लक्ष्मण को छोड़ दिया है। नक्सलियों के चंगुल से छूटकर घर पहुंचा लक्ष्मण काफी दहशत में है। गौरतलब है कि 11 नवंबर की सुबह बीजापुर के PMGSY विभाग के सब इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा विभाग के पियून लक्ष्मण के साथ निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण करने अपनी बाइक से गोरना गांव क्षेत्र में गये हुए थे। सड़क निरीक्षण कर लौटने के दौरान दोनों को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था। 12 नवंबर की शाम नक्सलियों के चंगुल से छूटकर वापस लौटे पियून लक्ष्मण महंत काफी दहशत में है। मीडिया से चर्चा में उसने बताया कि 11 नवंबर की दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे विभाग के सब इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा के साथ वह गोरना गांव में सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के लिए गया हुआ था। वहां से जब वे लौटने लगे तो बीच रास्ते में 10 से 12 की संख्या में ग्रामीण वेशभूषा में नक्सली पहुंच गए। नक्सलियों के हाथों में तीर-धनुष और कुल्हाड़ी था। उन्हे बीच सड़क पर ही रोककर सबसे पहले बाइक की चाबी निकाल ली, जिसके बाद नक्सलियों ने सब इंजीनियर और मेरा मोबाइल फोन छीनकर बंद कर दिया। इसके बाद आंखों में पट्टी बांध कर जंगल की तरफ उन्हे ले जाया गया। पियून लक्ष्मण की माने तो सब इंजीनियर और उसे नक्सलियों ने अलग-अलग ईलाके में ले गये। काफी पूछताछ के बाद रात भर आंख में पटटी बांधकर उसे जंगल में नक्सली घूमाते रहे। दूसरे दिन 12 नवंबर को नक्सलियों की सहमति के बाद उसे रिहा कर दिया गया। वही अपहरण की इस घटना के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी नक्सलियों ने सब इंजीनियर अजय रोशन की ना तो रिहाई की है, और ना ही पुलिस-प्रशासन से सब इंजीनियर की रिहाई के बदले कोई मांग रखी है। ऐसे में सब इंजीनियर की पत्नी अर्पिता अपने मासूम बच्चे के साथ जंगल में हर आने जाने वाले राहगीर से अपने पति की रिहाई की गुहार लगा रही है, वो नक्सलियों तक अपना संदेश पंहुचाकर पति की रिहाई के लिए मासूम बच्चे के साथ जंगल मे भटक रही है। वही पुलिस और सामाजिक संगठन भी लगातार नक्सलियों से संपर्क कर बंधक बने सब इंजीनियर की रिहाई का लगातार प्रयास कर रहे है। लेकिन नक्सलियों की ओर से कोई भी पहल अभी तक नजर नही आ रही है। ऐसे में पुलिस प्रशासन के साथ ही क्षेत्र के सामाजिक संगठन और परिवार के लोगों काफी चिंतित है।

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