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CG – नक्सलियों की सूचना पर CHC में पुलिस और STF का छापा, डॉक्टर ने एसटीएफ पर लगाया धमकाने का आरोप,पुलिस बोली….

 

बीजापुर 27 अक्टूबर 2021- नक्सल प्रभावित बीजापुर के एक सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में नक्सलियों के इलाज कराने की सूचना पर STF और पुलिस की छापामार कार्रवाई को लेकर हॉस्पिटल स्टाफ और जवानों के बीच जमकर हंगामा हो गया।  स्वास्थ केंद्र में नक्सलियों की सूचना पर पहुंची पुलिस और STF की टीम का विवाद इलाज कराने आये ग्रामीण और डॉक्टरो से हो गया। इस पूरे घटनाक्रम में सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के डॉक्टर ने जहां फोर्स पर जांच और तलाशी के दौरान अभद्रता और धमकाने का गंभीर आरोप लगा है।  वहीं पुलिस अफसरों ने इससे इंकार करते हुए महज पूछताछ करने की बात कही है।  बताया जा रहा है कि नक्सल प्रभावित उसुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार शाम करीब साढ़े 7 बजे पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई की थी। पुलिसकर्मियों ने स्वास्थ केंद्र का घेराबंदी कर अस्पताल में मौजूद लोगों से पूछताछ शुरू किया गया। इस दौरान वहां स्वास्थ्य कर्मियों के साथ कई ग्रामीण भी मौजूद थे, जो कि ईलाज के लिए स्वास्थ केंद्र पहुंचे हुए थेे। फोर्स के जवानो द्वारा ग्रामीणों से पूछताछ के दौरान विवाद हो गया, जिसका ग्रामीणों के साथ ही  स्वास्थ विभाग के डॉक्टर और स्टाफ ने भी विरोध किया। पूछताछ के बाद कुछ खास नही मिलने पर पुलिस और एसटीएफ के जवान वापस लौट गये। वही इस घटना के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर तरूण कुमार ने पुलिस और एसटीएफ पर धमकाने का आरोप लगाया है। उन्होने बताया कि ग्रामीण ईलाज कराने आए थे, जिनके नक्सली होने के संदेह में पुलिस टीम अचानक से अंदर घुस आई और स्टाफ को डराने धमकाने लगी। पुलिस कर्मियों के इस व्यवहार से अस्पताल का सारा स्टाफ डरा हुआ है। डॉ. तरूण कुमार ने बताया कि उसूर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करना वैसे भी कठिन है। इसमें पुलिस के ऐसे व्यवहार से कर्मचारियों में दहशत व्याप्त है।  वहीं
उसूर थाना प्रभारी एसआई सुरेंद्र राठौर के बताया कि एसटीएफ को अस्पताल में नक्सलियों के इलाज करवाने की सूचना मिली थी। हाल ही में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना बॉर्डर पर मुठभेड़ में 3 नक्सली मारे गए थे और कई के घायल होने की सूचना है। इसी वजह से पुलिस टीम जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र गई थी। मरीजों से पूछताछ करते वक्त डॉ तरूण कुमार ने पुलिस टीम को रोकने की कोशिश की थी, इसके बाद टीम मरीजों का नाम.पता पूछ कर वापस लौट गयी थी।

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