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CG POLITICS : आदिवासी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने BJP और केंद्र को घेरा,कहा-BJP के लोग आदिवासियों को जानवर समझते हैं,जल-जंगल और जमीन का हक छीनना चाहती है भाजपा

जगदलपुर 4 नवंबर 2023। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी आज जगदलपुर में चुनावी रैली में शामिल हुए। यहां हजारों लोगों की बड़ी भीड़ में आयोजित चुनावी सभा में राहुल गांधी ने आदिवासी के मुद्दे पर बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरते हुए जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के जो नेता हैं वह आदिवासियों को वनवासी कहते हैं। आदिवासियों के लिए आरएसएस और बीजेपी ने वनवासी शब्द निकाला है। लेकिन आदिवासी और वनवासी इसमें बहुत अंतर है। राहुल गांधी ने जल-जंगल और जमीन के साथ ही आदिवासियों के अधिकारी की बात करते हुए ना केवल बस्तर के आदिवासियों का ध्यान अपनी ओर खींचा,बल्कि केंद्र सरकार की नीतियों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया।

छत्तीसगढ़ के बस्तर सहित माओवाद प्रभावित 20 विधानसभा में 7 नवंबर को मतदान होना है। पहले चरण के चुनाव में अब 72 घंटे से भी कम का वक्त बचा हुआ है,ऐसे में केंद्रीय नेता लगातार बस्तर का दौरा कर चुनावी रैलिया कर रहे है। शनिवार को एक बार फिर राहुल गांधी कांग्र्रेस के पक्ष में माहौल बनाने पहुंचे। बस्तर पहुंचे राहुल गांधी ने सीधे आदिवासी के हक और अधिकारी की बात कहते हुए जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा। राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि देश में सिर्फ एक जाति है वह गरीब है।अगर ऐसा है तो मोदी जी खुद को ओबीसी क्यों कहते हैं। राहुल गांधी ने आदिवासियों के कह की बात करते हुए कहा कि हमने आदिवासियों की जमीनें वापस दिलाई। आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन का हक दिलाया.

लेकिन केंद्र सरकार आदिवासियों के जल,जंगल और जमीन को हथियाना चाहती है। भाषण के दौरान राहुल गांधी ने आदिवासियों के साथ होने वाले भेदभाव की बात कहते हुए कहा कि…मध्यप्रदेश में कुछ समय पहले बीजेपी के एक नेता ने एक आदिवासी युवा के ऊपर पेशाब किया। इसका वीडियो बनाकर नेता ने ही वायरल किया। इनकी विचारधारा इससे साफ जाहिर होती है। वे यह दिखाना चाहते हैं कि आदिवासियों की जगह कहां होनी चाहिए। आगे उन्होने कहा कि वे सोचते हैं कि जंगल में जो जानवर होते हैं वैसे ही आदिवासियों की जगह होनी चाहिए। बीजेपी नेता जानवरों से ज्यादा आदिवासियों पर जुल्म करते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासी शब्द एक क्रांतिकारी शब्द है। आदिवासी शब्द में ही आपकी सच्चाई छिपी हुई है।

आदिवासी शब्द का मतलब है कि देश के पहले और असली मालिक। देश के जंगल, जमीन और जल आपके थे, जिसे आपके हाथों से बीजेपी ने लिया है। इसलिए भाजपा के लोग आदिवासियों को वनवासी कहकर संबोधित करते है। लेकिन कांग्रेस वनवासी शब्द कभी भी स्वीकार नही कर सकती है।बस्तर में चुनावी सभा में राहुल गांधी का पूरा फोकस आदिवासी पर रहा। उन्होने आगे कहा कि हम ट्राइबल बिल लेकर आए, पेसा कानून लेकर आए, जमीन अधिग्रहण बिल लेकर आए उसमें हमने साफ लिखा था कि जबतक आदिवासियों की ग्राम सभा इजाजत नहीं देगी। तब तक कोई भी आदिवासियों की जमीन नहीं ले सकता है। अगर 5 साल के अंदर किसी उद्योगपति ने अपना उद्योग और व्यापार शुरू नहीं किया, तो आदिवासियों को जमीन वापस कर दी जाएगी, और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते आदिवासियों की जमीन वापस भी कराया गया।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी और अडानी पर हमला करते हुए कहा कि मोदी जी के सबसे बड़े मित्र अडानी जी का यहां आयरन ओर माइनिंग का प्रोजेक्ट था।मोदीजी के मित्र अरबपति हैं। लेकिन कांग्रेस ने उनका प्रोजेक्ट कैंसिल कर के दिखा दिया। हमारे आदिवासी भाई-बहनों ने कहा कि हमें ये प्रोजेक्ट यहां नहीं चाहिए। क्योंकि आप वनवासी नहीं आदिवासी हो, छत्तीसगढ़ की जमीन आपकी है और इसका हक आपको मिलना चाहिए।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषण में यह कहते है कि हिंदुस्तान में सिर्फ एक जात है वह है गरीब। इसका मतलब वे कह रहे हैं कि हिंदुस्तान में ना आदिवासी है, ना दलित हैं ना पिछड़े हैं। लेकिन हम सब जानते हैं इस देश में आदिवासी भाषा है। आदिवासी संस्कृति है, इतिहास है।

देश में दलित हैं जिन्हें परेशान किया जा रहा है, जिन्हें अपमानित किया जाता है और आज देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि सिर्फ एक जात है वह गरीब है। अच्छा अगर एक जात है तो खुद को प्रधानमंत्री ओबीसी क्यों कहते है ? छत्तीसगढ़ में चुनावी की उल्टी गिनती के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी काफी बढ़ गयी है। ऐसे में आज ही के दिन एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्ग में चुनावी रैली कर गरीब परिवारों के लिए अगले 5 साल तक मुफ्त राशन की घोषणा कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। वहीं दूसरी तरफ बस्तर में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने पहुंचे राहुल गांधी ने आदिवासियों के हक और अधिकार की बात कहते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी की नीतियों पर सवाल उठाते हुए तीखे पलटवार किये। राजनेताओं के इस वार-पलटवार और राजनीतिक रैलियों के बाद जनता किसके सर पर सत्ता का ताज पहनाती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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