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CG POLTICS: IAS नीलकंठ टेकाम BJP में हुए शामिल,BJP प्रभारी ओम माथुर ने दिलायी सदस्यता,SDM रहते पहले भी चुनाव लड़ने दे चुके है इस्तीफा !

रायपुर 23 अगस्त 2023। पूर्व आईएएस ओ.पी.चैधरी के बाद अब आईएएस नीलकंठ टेकाम बीजेपी में शामिल हो गये है। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने आज नीलकंठ टेकाम को केशकाल में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी की औपचारिक सदस्यता दिलायी। आईएएस नीलकंठ टेकाम के वीआरएस के आवेदन पर केंद्र सरकार ने 17 अगस्त 2023 को मंजूरी दे दी है। बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद टेकाम का कोंडागांव या केशकाल विधानसभा से चुनाव लड़ने के संकेत हैं। आपको बता दे कि इससे पहले भी नीलकंठ टेकाम ने अविभाजित मध्यप्रदेश के कार्यकाल में एसडीएम रहते चुनाव लड़ने के लिए पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उस वक्त सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर नही किया था।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सियासी पारा दिन-प्रतिदिन चढ़ता ही जा रहा है। आलम ये है कि राजनीतिक दलों में आईएएस अफसर,न्यायधीश सहित सरकारी अफसर अपने पदों से इस्तीफा और वीआरएस लेकर पार्टी प्रवेश कर रहे है। राजनीति में भविष्य तलाशने वाले प्रशासनिक अधिकारियों की इसी कड़ी में आज आईएएस अफसर नीलकंठ टेकाम ने आज विधिवत रूप से बीजेपी ज्वाइन कर लिया है। ओपी चौधरी के बाद नीलकंठ टेकाम दूसरे आईएएस अफसर हैं, जिन्होंने बीजेपी की सदस्यता और चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया है।नीलकंठ टेकाम मूल रूप से कांकेर जिला के अंतागढ़ सरईपारा के मूल निवास है।

स्कूली शिक्षाा भी उनकी यहीं हुई है और महाविद्यालयीन शिक्षा उन्होंने कांकेर जिले में छत्तीसगढ़ शासकीय गवर्मेंट कॉलेज से पूरी की है। 1990 के दशक मे टेकाम ने समाजशास्त्र से एमए किया है और यहां कुशल नेतृत्व के चलते छात्रसंघ के अध्यक्ष भी चुने गए थे। साल 1994 में उन्होंने एमपी पीएससी क्रेक किया और एसटी वर्ग में टॉपर रहे। उनकी ज्यादातर पोस्टिंग बस्तर संभाग में ही रही। जगदलपुर में करीब 6 साल एसडीएम से लेकर अपर कलेक्टर रहे और जगदलपुर में नगर निगम कमिश्नर की जिम्मेदारी भी टेकाम संभाल चुके हैं। साल 2008 में उन्हें आईएएस अवॉर्ड किया गया। कोंडागांव कलेक्टर रहते हुए उन्होंने नीति आयोग के आकांक्षी जिलों में कोंडागांव को नंबर वन बनाया।

आपको बता दे कि छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहने वाले नीलकंठ टेकाम की इच्छा शुरू से ही राजनीति में आने की थी। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय वह बड़वानी में एसडीएम के पद पर कार्यरत थे। तब उन्होने चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हजारों लोगों के साथ कलेक्टर दफ्तर पहुंचकर बतौर निर्दलीय उम्मीद्वार नीलकंठ टेकाम ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था, लेकिन सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कुछ आदिवासी नेताओं के हस्तक्षेप के बाद उनका नामांकन वापस कराया गया था।

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