बिग ब्रेकिंग

VIDEO-CG : पाकिस्तानी संगठन को रायपुर में जमीन देने का मामला गरमाया…. बृजमोहन ने इस्लामी संगठन को जमीन देने पर उठाये सवाल…..जवाब में जिला प्रशासन ने कहा, आवेदन कर दिया है निरस्त, इश्तेहार जारी करने वालों से मांगा है जवाब

रायपुर 2 जनवरी 2022। दावत-ए-इस्लामी संस्था को जमीन देने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। आज दोपहर भाजपा ने प्रेस कांफ्रेंस कर जहां कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया था, तो वहीं सरकार ने दो टूक कह दिया है कि संस्था को जमीन देने का आवेदन प्रारंभिक दौर में ही निरस्त कर दिया गया था। हालांकि इस मामले में विज्ञापन का प्रकाशन कैसे किया गया, इस मामले में प्रभारी अधिकारी भू आवंटन (कलेक्टरेट) एवं अत्तिरिक्त तहसीलदार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जा रहा है।

इससे पहले आज दोपहर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर पाकिस्तानी संस्था को छत्तीसगढ़ में जमीन देने के मामले में सरकार को घेरा था। बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान की एक संस्था दावत ए इस्लामी को सामुदायिक भवन बनाने के नाम पर 10 हेक्टेयर जमीन देने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा था कि उन्होंने कहा कि इस संस्था का ताल्लुक पाकिस्तान के कराची शहर से है, वहीं इस संस्था की स्थापना 80 के दशक में  की गयी थी। बृजमोहन अग्रवाल ने का है कि दावत ए इस्लामी के विदेशी फंडिंग, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहने और धर्मांतरण करने के मामले सामने आ चुके हैं। 2020 में आवेदन करने वाली इस संस्था को जमीन देने को लेकर इश्तिहार छपवाया गया है। उन्होंने कहा था कि सरकार यह बताए कि इस संस्था का हेड क्वार्टर कहां है और इस संस्था को इतने फौरी तौर पर जमीन देने की क्या जरूरत।

बृजमोहन अग्रवाल के गंभीर आरोप पर जिला प्रशासन की तरफ से जवाब आया है। रायपुर के अनुविभागीय दंडाधिकारी देवेंद्र पटेल ने स्पष्ट किया है कि संस्था दावते इस्लामी छत्तीसगढ़ रायपुर का आवेदन एवं प्रकरण प्रारंभिक स्थिति में ही निरस्त कर नस्तीबद्ध किया गया है।

उन्होंने बताया है कि आवेदक संस्था दावते इस्लामी छत्तीसगढ़ रायपुर की ओर से सय्यद कलीम द्वारा सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु ग्राम बोरियाखुर्द स्थित शासकीय भूमि ख. न. में से 10 हेक्टेयर भूमि के आवंटन हेतु आवेदन पत्र कलेक्टोरेट कार्यालय में 28 / 1 / 2021 को प्रस्तुत किया गया था। आवेदन प्राप्त होने पर अत्तिरिक्त तहसीलदार द्वारा प्रारंभिक प्रक्रिया अंतर्गत इश्तिहार प्रकाशन हेतु ज्ञापन जारी किया गया। इश्तिहार प्रकाशन के उपरान्त आवेदक द्वारा अतिरिक्त तहसीलदार के न्यायालय में उपस्थित होकर अपना आवेदन ये कहकर वापस लिया कि त्रुटिवश उनके द्वारा रकबा 10 हेक्टेयर लिखा गया है, जबकि उन्हें केवल 10 हजार वर्गफुट की ही आवश्यकता है। उनके द्वारा आवेदन पत्र में खसरा नंबर भी गलत लिखा गया है। तत्पश्चात दिनांक 01 /01 /2022 को तहसीलदार न्यायलय द्वारा आवेदन पत्र निरस्त कर प्रकण नस्तीबद्ध कर दिया गया है । यह उल्लेखनीय है कि आरबीसी के प्रावधान के अंतर्गत 10 हजार वर्गफुट भूमि आबंटन तहसीलदार/ जिला स्तर पर नहीं किया जा सकता एवं किसी संस्था को भूमि आवंटन विस्तृत प्रक्रिया / दावा – आपत्ति के पश्चात शासन को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया जाता है। संबंधित प्रकरण प्रारंभिक स्थिति में ही निरस्त हो गया है।उन्होंने यह भी बताया कि इश्तिहार प्रकाशन में हुई त्रुटि के लिए प्रभारी अधिकारी भू आवंटन ( कलेक्टरेट ) एवं अत्तिरिक्त तहसीलदार को नोटिस जारी किया जा रहा है।

Back to top button