ब्यूरोक्रेट्स

CG- जब बीच बैठक में भड़क गये कलेक्टर …..कहा अगर SDO ने ऐसा लिखा होगा तो, तो उसे जेल भेजूंगा !

कोरबा 14 जुलाई 2022 । शासन की योजनाओं को फाईलों में चलाकर पलीता लगाने वाले अफसरों पर कोरबा कलेक्टर संजीव झा बुधवार को जमकर नाराज हुए। केंद्र सरकार की अमृत सरोवर योजना की जब कलेक्टर ने रिपोर्ट मांगी, तो अधिकांश जगह तालाब के लिए चयनित स्थान को उपयुक्त नही बताकर निरस्त होना बता दिया गया। अधिकारियों का ये जवाब सुनते ही कलेक्टर का गुस्सा फूट पड़ा और स्थल निरीक्षण किये बगैर उपयुक्तता प्रमाण पत्र देने वाले एसडीओें को जेल भेजने तक की बात कह दी। कलेक्टर ने दो टूक शब्दों में साफ कर दिया कि शासन की योजनाओं को जो मजाक बनायेगा उसे बख्शा नही जायेगा।

गौरतलब है कि कोरबा के नवपदस्थ कलेेक्टर संजीव झा अपने शांत और मिलनसार व्यक्तित्व के साथ ही कार्य क्षेत्र में कड़े डिसीजन के लिए पहचाने जाते हैं। शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर बुधवार को कलेक्टर संजीव झा समय सीमा की बैठक ले रहे थे। बैठक में सभी विभाग के अफसरों की मौजूदगी में बारी-बारी से सभी विभागों के कार्यो की समीक्षा के बाद कलेक्टर ने केंद्र सरकारी की अमृत सरोवर योजना के प्रोग्रेस की जानकारी मांगी गयी। सबसे पहले कोरबा जनपद के सीईओं जी.के. मिश्रा से उनके क्षेत्र में अमृत सरोवर योजना के तहत निर्माण कराये जा रहे तालाबो की जानकारी मांगी गयी।

चूकि काम फाईलो तक ही सीमित था, लिहाजा जनपद सीईओं ने स्थल उपयुक्त नही होने के साथ ही विवादित भूमि होने के कारण प्रस्ताव निरस्त करने की बात कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की गयी। इसके बाद कलेक्टर ने कटघोरा और फिर पाली जनपद सीईओं से जानकारी चाही। लेकिन कलेक्टर के सामने सभी अधिकारियों को एक ही रटा-रटाया जवाब स्थान उपयुक्त नही होने के कारण काम शुरू नही हो सका हैं। जवाबदार अधिकारियों का ये जवाब सुनकर कलेक्टर संजीव झा बुरी तरह से नाराज हो गयेऔर उन्होने दो टूक शब्दों में जनपद सीईओं को ये कह दिया कि स्थल चयन से पहले आपके चरण उस स्थान पर पड़े थे या नही ? कलेक्टर के इस सवाल के करते ही अफसरों के बीच सन्नाटा छा गया।

इसके बाद मनरेगा एपीओं से कलेक्टर ने अमृत सरोवर योजना को लेकर जानकारी मांगी गयी। कलेक्टर ने साफ किया कि क्या प्रस्ताव बनाने से पहले किसी तकनीकि विशेषज्ञ अधिकारी ने स्थल निरीक्षण और उपयुक्तता प्रमाण पत्र दिया था या नही ? इस पर मनरेगा एपीओं द्वारा आर.ई.एस. के एसडीओं द्वारा निरीक्षण करने की बात कही गयी। इस जवाब को सुनते ही कलेक्टर संजीव झा जमकर नाराज हुएऔर उन्होने कहा कि यदि एसडीओं ने बगैर स्थल देखे ये लिखकर दिया होगा कि यह स्थल अमृत सरोवर के लिए उपयुक्त है, तो मैं उसे जेल भेज दूंगा।

अफसरों की इस लापरवाही पर सख्ती दिखाते हुए कलेक्टर ने जिला पंचायत एपीओं सहित जवाबदार अधिकारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया। कलेक्टर ने बैठक हॉल में ही सख्त लहजे में ये साफ कर दिया कि शासन की योजनाओं को फिल्ड में जाने के बजाये टेबल पर बैठकर क्रियान्वयन करने की आदत को छोड़ दे। आफिस मे बैैठकर गलत रिपोर्ट देने वाले अफसरों को बख्शा नही जायेगा। बुधवार की बैठक में कलेक्टर संजीव झा के इस तल्ख तेवर को देखने के बाद उन अफसरों के बीच हड़कंप मचा हुआ है, जो कि एसी कमरोें में बैठकर कागजों में ही योजनाओं का क्रियान्वयन कर आकड़ो की बाजीगरी कर लिया करते थे।

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