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Chandra Grahan: होली पर लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण…पढ़िए किस समय से कब तक लगेगा…भारत में…

नई दिल्ली 23 मार्च 2024 पंचांग के अनुसार होली का पर्व फाल्गुन महीने की पूर्णिमा (Falgun Purnima 2024) तिथि के दिन मनाया जाता है. इस साल होली 25 मार्च 2024 को है. लेकिन इसी दिन यानी होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. शास्त्रों और ज्योतिष में चंद्र ग्रहण की घटना शुभ नहीं मानी जाती है. इसलिए ग्रहण का सूतक लगते ही शुभ और धार्मिक कार्यों पर रोक लग जाती है. आइये जानते हैं होली पर लगने वाले ग्रहण की टाइमिंग क्या है (Lunar Eclipse 2024 Timing).

 

होली (Holi 2024) के दिन यानी 25 मार्च को चंद्र ग्रहण सुबह 10:23 से लगेगा और दोपहर 03:01 पर समाप्त हो जाएगा. चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 36 मिनट की होगी. चंद्र ग्रहण का परमग्रास दोपहर 12: 43 पर है. वहीं ग्रहण के दिन चंद्रमा शाम 06:44 पर उदय होगा.

होली पर लगने वाला साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए होली, होलिका दहन (Holika Dahan 2024) और धार्मिक कार्यों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा. भारत में दिखाई नहीं देने के कारण यहां चंद्र ग्रहण का सूतक (Chandra Grahan Sutak) भी मान्य नहीं होगा. भारत के अलावा ग्रहण को आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, जर्मनी, फ्रांस, हालैंड, बेल्जियम, दक्षिण नॉर्वे, स्विटजरलैंड, उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, जापान, रूस का पूर्वी भाग, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर शेष ऑस्ट्रेलिया और अधिकांश अफ्रीका में देखा जा सकेगा.

होली के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण है, जोकि कन्या राशि में लगेगा. हालांकि भारत में दिखाई न देने के कारण सूतक मान्य नहीं होता. लेकिन फिर से भी ग्रहण के दौरान सावधानी और सतर्कता बरतना जरूरी होता है. ग्रहण का अशुभ प्रभाव आपके जीवन में न पड़े इसके लिए आप मंत्रों का जाप करें. ग्रहण के दौरान जप, तप, ध्यान और भजन आदि से इसके दुष्प्रभाव दूर होते हैं.

 

कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण

25 मार्च को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इसी दिन रंगों वाली होली मनाई जाएगी. ऐसे में होलिका दहन पर सूतक और होली वाले दिन ग्रहण का साया रहेगा. लेकिन, अच्छी बात यह है कि ये चंद्र ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा. ऐसे में भारत में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. चंद्र ग्रहण यूरोप, पूर्व एशिया ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.

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