Businessकृषि

भविष्य का कारोबार जमा देगी कम लागत में बम्फर मुनाफा देने वाली ये खेती,जाने

भविष्य का कारोबार जमा देगी कम लागत में बम्फर मुनाफा देने वाली ये खेती

भविष्य का कारोबार जमा देगी कम लागत में बम्फर मुनाफा देने वाली ये खेती,जाने आइये आज हम आपको बताते है शकरकंद की खेती किस प्रकार की जाती है इसका यूनिक तरीका भी आपको बताएँगे जो आपको बम्फर मुनाफा कराएगा  रहिये अंत तक-

भविष्य का कारोबार जमा देगी कम लागत में बम्फर मुनाफा देने वाली ये खेती,जाने

Read Also: किलर अंदाज लेकर ऑटोसेक्टर का पारा हाई करेगी Yamaha की Sports बाइक,देखे

कम लागत में बम्फर मुनाफा देने वाली ये खेती

शकरकंद की खेती साल भर में कभी भी की जा सकती है,लेकिन अच्छी पैदावार के लिए इसकी बुवाई गर्मियों और बरसात के मौसम में की जाती है.खरीफ सीजन में जून से अगस्त के बीच इसकी कलमों को लगाया जाता है.इस दौरान इसकी फसल खरीफ की फसल के साथ ही तैयार हो जाती है.वहीं,रबी सीजन में धान की दूसरी कटाई के बाद दिसंबर-जनवरी के महीने में इसकी बुवाई की जा सकती है.

भविष्य का कारोबार जमा देगी कम लागत में बम्फर मुनाफा देने वाली ये खेती,जाने

किस्मे

देश में कई प्रकार की शकरकंद की खेती की जाती है,जिनमें से कुछ प्रमुख किस्में हैं पूसा गोल्डन,पूसा व्हाइट, कोंकण अश्विनी,राजेन्द्र शकरकंद-5,कालमेघ,श्री रत्ना क्रॉस-4, श्रीभद्रा,श्री अरुण, श्री वरुण,श्री वर्धिनी,श्री नंदिनी और वर्षा.ये उन्नत किस्में लगभग 110 से 120 दिनों में तैयार हो जाती हैं.

भविष्य का कारोबार जमा देगी कम लागत में बम्फर मुनाफा देने वाली ये खेती,जाने

मिट्टिया

शकरकंद की खेती के लिए बलुई या चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है,जो कार्बनिक तत्वों से भरपूर हो.इसकी खेती के लिए मिट्टी का pH मान 5.8 से 6.7 के बीच होना चाहिए.हल्का और गर्म जलवायु शकरकंद की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होता है.इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 21 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए और बारिश 75 से 150 सेंटीमीटर के बीच होनी चाहिए.

भविष्य का कारोबार जमा देगी कम लागत में बम्फर मुनाफा देने वाली ये खेती,जाने

शकरकंद की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें.कुछ दिनों के लिए खेत को खुला छोड़ दें ताकि मिट्टी में मौजूद कीड़े-मकोड़े, पुराने फसल अवशेष और खरपतवार नष्ट हो जाएं.अब खेत में प्रति हेक्टेयर 180 से 200 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद डालनी होगी.इसके बाद,रोटावेटर की मदद से 2 से 3 बार खेत की जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरी बना लें.खेत तैयार होने के बाद,खेत में नर्सरी में तैयार की गई कटाई गई लताओं को लगाया जाता है.इसकी लताओं को एक महीने पहले नर्सरी में बीज बोकर तैयार किया जाता है.

भविष्य का कारोबार जमा देगी कम लागत में बम्फर मुनाफा देने वाली ये खेती,जाने

इन तैयार लताओं को उखाड़कर उनकी कटिंग बनाकर खेतों में लगाया जाता है.शकरकंद के पौधे खेत की मेड़ों पर लगाए जाते हैं.पौधों को लगाने के लिए एक-दूसरे पौधे से करीब एक फुट की दूरी रखनी चाहिए.शकरकंद के पौधों की कटिंग को 20 सेंटीमीटर की गहराई में लगाना चाहिए.पौधे लगाने के बाद, इसे चारों तरफ से मिट्टी से ढक देना चाहिए.इसे समतल भूमि पर लगाया जाता है, इसलिए क्यारियों में कतारें लगाई जा सकती हैं.आपको कतार से कतार के बीच की दूरी लगभग 2 फीट रखनी चाहिए.

Back to top button