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डीजे धुमाल पर बैन लगाने के मुस्लिम समाज के निर्णय का छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने किया स्वागत

रायपुर 19 जनवरी 2023। रायपुर के मुस्लिम समाज द्वारा शादियों मैं आतिशबाजी व शादियों, संदल, चादर में डीजे बजाने को बैन करने का छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने स्वागत किया है.

छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के सभी सदस्यों में अन्य समाज प्रमुखों से मांग की है कि वे भी अपने समाज की मीटिंग बुला करके किसी भी प्रकार के कार्यक्रम में डीजे धुमाल बजाना प्रतिबंधित करें और युवाओं को वैसा ही संदेश दे वैसे मुस्लिम समाज ने दिया है.

समिति के सभी सदस्यों ने एकमत होकर मांग की है कि किसी भी सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, वैवाहिक कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र या ई-कार्ड में वे यह अवश्य छपाया जावे कि उनके यहां किसी भी कार्यक्रम में डीजेधुमाल नहीं बजवाया जावेगा आतिशबाजी नहीं की जावेगी तथा ध्वनि प्रदूषण नहीं किया जावेगा. समिति ने कहा कि होना तो यह चाहिए कि ऐसे कार्यक्रमों के कार्ड इत्यादि जिनमें यह संदेश नहीं हो कि कार्यक्रम में डीजेधुमाल नहीं बजाया जाएगा और किसी प्रकार से भी ध्वनि प्रदूषण नहीं किया जाएगा तो आमजन को कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए तभी रायपुर की जनता को ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति मिल सकेगी.

समिति के डॉ राकेश गुप्ता ईएनटी विशेषज्ञ ने कहा कि जनता को समझना चाहिए कि ध्वनि प्रदूषण से उनके बच्चों, परिवार के सदस्यों को लंबे समय में कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.

समिति ने सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं से निवेदन किया है कि ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध आवाज उठाने में वह भी अब आगे आवे तथा दोषियों को संरक्षण ना दें.

गौरतलब है कि समिति पिछले कुछ महीनों से विशेष रुप से ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध कार्यरत है तथा ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों को सामाजिक चेतना के अभियान में शामिल कर रही है। इसी संबंध में समिति द्वारा उच्च न्यायालय में दायर अवमानना याचिका लंबित है. समिति ने सभी जागरूक नागरिकों और वरिष्ठ प्रभावी जनमत बनाने वाले नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होने का अनुरोध किया है

डॉ राकेश गुप्ता, विश्वजीत मित्रा, हरजीत जुनेजा, अधिवक्ता व्यास मुनि द्विवेदी, डॉ. मनजीत कौर बल, डॉ अनिल जैन डॉ विकास अग्रवाल डॉ नरेंद्र पाठक डॉ ज्योतिर्मय चंद्राकर डॉक्टर दिग्विजय सिंह उमा प्रकाश ओझा, रियाज अंबर, अजय खंडेलवाल, संदीप कुमार, विनयशील, जीवेश चौबे, शरद शुक्ला, नोमान अकरम हमीद, हेमंत बेद, अमिताभ दीक्षित ने इस फैसले का स्वागत किया है.

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