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छत्तीसगढ़ी मल्टी स्टारर फिल्म “करूक्षेत्र” बाक्स आफिस में हो रही अनदेखी का शिकार…फिल्म प्रोड्यूसर का PVR पर गंभीर आरोप… साजिश के तहत, फिल्म की क्वालिटी खराब और नॉट एवलेवल करने का आरोप

रायपुर 14 अगस्त 2022। बड़े बजट की छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘कुरूक्षेत्र’ बाक्स आफिस में अनदेखी का शिकार हो रही है। ना तो दर्शक देख पा रहे हैं …और जो दर्शक मशक्कत के बाद देखने जा भी रहे हैं वो ना HD क्वालिटी में वीडियो देख पा रहे हैं और ना ही बेहतर क्वालिटी का साउंड सुन पा रहे हैं। कुल मिलाकर PVR और सिनेमैक्स जैसे प्लेटफार्म पर छत्तीसगढ़ की बड़े बजट की शानदार फिल्म भेदभाव का शिकार हो गयी है। एक तरफ जहां छत्तीसगढ़िया भाषा और छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में सरकार ने पूरी ताकत झोंक रखी है और दूसरी तरफ पीवीआर प्रबंधन छत्तीसगढ़ी फिल्म की अनदेखी कर रहा है।

दरअसल 12 अगस्त को छत्तीसगढ़ की बड़े बजट की मल्टी स्टारर फिल्मी “कुरूक्षेत्र” बाक्स आफिस पर रिलीज हुई है। कुरूक्षेत्र की स्क्रीनिंग बहुत शानदार रही, और इसे हालिया दिनों की बेस्ट छत्तीसगढ़ी फिल्म कहा गया। एक साथ सभी सिनेमाघरों और पीवीआर में रिलीज हुई फिल्म ने शुरुआती दिनों में बाक्स आफिस पर शानदार बिजनस भी किया, लेकिन उसके बाद अचानक से दूसरे तीसरे दिन से पीवीआर में ये फिल्म अनदेखी का शिकार हो गयी।

पीवीआर में फिल्म नहीं देख पाने और टिकट एवलेवल नहीं होने की शिकायत पर जब खुद फिल्म के प्रोड्यूसर और फिल्म स्टार सिटी सेंटर माल के पीवीआर पहुंचे तो वहां कई तरह की अनदेखी पकड़ी, जिसे लेकर पीवीआर के मैनेजर और को डायरेक्टर शांतनु पाटनवार के बीच बहस भी हुई। इधर इस मामले को लेकर लाइन प्रोड्यूसर सुनील साहू ने भी तीखी नाराजगी जतायी है। सुनील साहू ने कहा कि …

कुरूक्षेत्र मल्टी स्टारर और बड़ी बजट की फिल्म इसे हमारी टीम बहुत मेहनत के साथ बनाया है। एक्टर के तौर पर करण खान, दिलेश साहू, अभिनेत्री पूजा साहू और ज्योत्सना ताम्रकर ने काफी मेहनत की है। हमारे रिव्यू में हाल के सालों में इसे सबसे बेस्ट फिल्म कहा गया । हमारी फिल्म ने अच्छा बिजनेस भी शुरुआती दिनों में किया, लेकिन उसके बाद ना जाने क्यों हमारी फिल्मों को साजिश के तहत दर्शकों के लिए उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। कई लोग टिकट नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं, तो कई लोगों की शिकायत हैं कि उनकी फिल्म का आडियो और वीडियो साफ नहीं है। ये बेहद आपत्तिजनक है। हम पीवीआर प्रबंधन को कह देना चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में रहकर छत्तीसगढ़ी भाषा और छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सम्मान करना होगा, अगर तुरंत गड़बड़ियों को दुरूस्त कर फिल्म को पर्दशित नहीं किया गया तो आने वाले दिनों दिनों इसका खामियाजा पीवीआर को भुगतना होगा।

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