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महिला जज की ‘इच्छामृत्यु’ की मांग वाली वायरल चिट्ठी पर CJI सख्त , रात में मिलने के लिए बुलाते हैं…

नई दिल्ली 15 दिसंबर 2023|बांदा में तैनात सिविल जज अर्पिता साहू ने इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पत्र को लिखने का उद्देश्य मेरी कहानी बताने और प्रार्थना करने के अलावा कुछ और नहीं है. “मैं बहुत उत्साह के साथ न्यायिक सेवा में शामिल हुई, सोचा था कि आम लोगों को न्याय दिला पाऊंगी. मुझे क्या पता था कि न्याय के लिए हर दरवाजे का भिखारी बना दिया जाएगा.” मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा कि काफी निराश मन से लिख रही हूं. आरोप है कि बाराबंकी में तैनाती के दौरान सिविल जज अर्पिता साहू को प्रताड़ना से गुजरना पड़ा. जिला जज पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप है. उन्होंने आरोप लगाया कि रात में भी जिला जज से मिलने के लिए कहा गया.

सिविल महिला जज का ये है आरोप
आरोप है कि जब वह बाराबंकी जिले में 2022 में तैनात थी. तब वहां के जिला जज के द्वारा उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया गया. यही नहीं, जिला जज के द्वारा इन्हें रात में मिलने को लेकर दबाव भी बनाया जाता था. इसको लेकर हाईकोर्ट इलाहाबाद में भी इन्होंने गुहार लगाई, लेकिन जज होने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला. इसके बाद इन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र जारी करते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है.

आम जनता का क्‍या होगा?
पत्र में महिला जज ने लिखा है कि एक जज होने के बावजूद जब मुझे न्याय नहीं मिल रहा है तो आम जनता का क्या होगा. और सावल होना लाजिमी भी है. दूसरों को न्याय देने वाले जज को ही जब न्याय नहीं मिल रहा है तो फिर आम जनता का क्या होगा.

महिला जज ने क्यों मांगी इच्छमृत्यु?

महिला जज ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि वो बेहद उत्साह से जज की परीक्षा देकर न्यायिक सेवा में आई थी, लेकिन उसे भरी अदालत में दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा. चिट्ठी लिखकर महिला जज ने कामकाजी महिलाओं से कहा कि वह भी यौन उत्पीड़न के साथ जीना सीख लें. बेहद कड़ी भाषा में महिला जज ने लिखा कि वह जज होने के बावजूद अपने आप को न्याय नहीं दिला पा रही हैं.

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