ब्यूरोक्रेट्स

….टूटते सपनों को कलेक्टर संजीव झा ने लगाये पंख : कोरोना में मां-बाप को खो चुके 3 बच्चों सहित बालिका गृह की बेटियां अब प्लास्टिक इंजीनियरिंग कर सपनों को देंगी नई उड़ान

कोरबा 22 दिसंबर 2022। बच्चों के हर अरमान को उनके माता-पिता परवान चढ़ाते हैं। फिर चाहे मां-बाप को बच्चों के उन सपनों को साकार करने के लिए कर्ज ही क्यों ना लेना पड़े। लेकिन जिन बच्चों के मां-बाप ही नही रहे उनका क्या ? जीं हां ऐसे ही बच्चों के टूटते सपनों को नई उड़ान कोरबा कलेक्टर संजीव झा ने दी हैं। कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो चुके 3 बच्चों के साथ ही कुल 10 जरूरतमंद बच्चों का कलेक्टर संजीव झा ने प्लास्टिक इंजीनियरिंग के पाठयक्रम में दाखिला कराया हैं। 3 साल के इस पाठयक्रम के लिए 25 लाख रूपये खर्च होगें। कलेक्टर के फैसले क बाद जिसकी पूरी जवाबदारी जिला प्रशासन ने उठा लिया हैं।

गौरतलब हैं कि कोरबा कलेक्टर संजीव झा की संवेदनशीलता से आम लोग बखूबी वाकिफ हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में जरूरत मंद लोगों के लिए कलेक्टर द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। यहीं वजह हैं कि नाउम्मींद हो चुके लोग अक्सर कलेक्टर के पास समाधान की उम्मींद लेकर जन चौपाल में पहुंचते हैं। कुछ ऐसे ही जरूरतमंद बच्चें कलेक्टर संजीव झा से मिलने पहुंचे थे। कलेक्टर संजीव झा ने बताया कि उनसे मिलने वाले बच्चों में तीन बच्चें ऐसे थे, जिनके माता-पिता की मौत कोरोना काल के दौरान हो गयी थी, वही 3 बच्चियां बालिका गृह से थी, ये सभी बच्चें तकनीकि शिक्षा पाकर अपने पैर पर खड़ा होने की उम्मींद लिए उनके पास पहुंचे थे।

लेकिन आर्थिक तंगी के कारण ये बच्चें कुछ भी कर पाने में असमर्थ थे। होनहार बच्चों के सपनों को टूटता देख कलेक्टर संजीव झा ने उनके उज्जव भविष्य का भरोसा दिलाया। इसके बाद कलेक्टर ने ऐसे गरीब और जरूरतंद 10 बच्चों का चयन कर उनके बेहतर भविष्य के लिए उनका दाखिल स्याहीमुढ़ी स्थित सीपेट में प्लास्टिक इंजीनियरिंग के पाठयक्रम में कराने का फैसला लिया गया। तीन साल के इस पाठयक्रम में 10 बच्चों पर करीब 25 लाख 7 हजार रूपये का खर्च होंगे, जिसे कलेक्टर ने जिला खनिज न्यास मद से स्वीकृत कर दिया हैं। कलेक्टर संजीव झा के इस फैसले ने निराश हो चुके बच्चों के सपनों को नये पंख लगा दिये हैं। इन 10 गरीब और जरूरतमंद बच्चों का दाखिला होने के बाद कलेक्टर संजीव झा खुद सीपेट पहुंचे। वहां उन्होने प्लास्टिक इंजीनियरिंग की तकनीकि शिक्षा ले रहे बच्चों की पढ़ाई और ट्रेनिंग को करीब से जानने के साथ ही बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनांए दी।

कलेक्टर संजीव झा ने NW न्यूज से चर्चा में बताया कि….सीपेट में चलने वाले पाठयक्रम में सत प्रतिशत प्लेसमेंट की गारंटी होती हैं। 3 साल के प्लास्टिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने क बाद इन बच्चों को छत्तीसगढ़ सहित बैंगलोर, पुणे जैसे महानगरों में संचालित मल्टीनेशनल कंपनियों में अच्छे पैकेज पर जॉब मिल जायेगें। इसके अलावा इस पाठयक्रम के बाद छात्र कोरबा में ही रहकर खुद का स्वरोजगार भी स्थापित कर सकते हैं।

कलेक्टर संजीव झा ने साफ किया कि खनिज न्यास मद से जिले के खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों की बेहतरी के लिए लगातार काम किये जा रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। जिसका सीधा लाभ कोविड में माता-पिता को खो चुके बच्चों के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा हैं।

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