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CG : आखिर भ्रष्टाचार पर कैसे लगेगा अंकुश ! CM के सख्त तेवर….लेकिन कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के बाद भी सचिव और शिक्षा मंत्री पर भारी पड़ रहे भ्रष्ट अफसर !

रायपुर 13 मार्च 2014। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में भ्रष्टाचार को लेकर सख्त तेवर दिखाये है। सीएम ने साफ कर दिया है कि सूबे में भ्रष्टाचार बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जायेगा। लेकिन CM के इस आदेश के उल्ट शिक्षा विभाग में ही ऐसे धुरंधर भ्रष्ट अफसर है, जो ना केवल कलेक्टर बल्कि सचिव और तेज तर्रार शिक्षा मंत्री पर भी भारी पड़ते नजर आ रहे है। जीं हां मामला कोरिया जिला का है, जहां कांग्रेस शासन काल में बालवाड़ी योजना में तत्कालीन DMC ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर लाखों रूपये का भ्रष्टाचार किया। जांच में सामानों की खरीदी में भ्रष्टाचार और मनमानी का खुलासा होने पर बकायदा कलेक्टर ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को जांच रिपोर्ट के साथ कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा। लेकिन भ्रष्टाचार करने वाले DMC के खिलाफ आज 9 दिन बाद भी कोई एक्शन नही लिया जा सका है।

छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद पूर्ववर्ती सरकार में हुए कई भ्रष्टाचार के खुलासे हो रहे है। भ्रष्टाचार का एक ऐसा ही मामला कोरिया जिला का है, जिसमें नौनिहालों में शिक्षा की नींव को मजबूत करने शासन द्वारा बालवाड़ी योजनांतर्गत सामाग्री क्रय करने के लिए प्रत्येक प्राथमिक शाला को 15 हजार रूपये का आबंटन किया गया था। कोरिया जिला के कुल 176 प्राथमिक शालाओं के लिए 26 लाख 40 हजार रूपये का आबंटन वर्ष 2023 मेें किया गया। लेकिन सरकार के इस फंड से नौनिहालों का भविष्य उज्जवल करने के बजाये तत्कालीन DMC मनोज कुमार पांडेय ने भ्रष्टाचार की सेंध लगा दी। बताया जा रहा है कि कलेक्टर विनय लंग्हे द्वारा कराये गये जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि वर्ष 2023 में वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ही फरवरी माह में DMC मनोज कुमार पांडेय बालवाड़ी योजना के फंड में बड़ा खेल कर दिया। नौनिहालों के बेहतर शिक्षण कार्य के लिए सामानों की खरीदी के लिए सभी प्राथमिक शाला के प्रधान पाठकों को मौखिक आदेश देकर सूरजपुर के ओम प्रकाश पुस्तक भंडार से घटिया स्तर के सामानों की खरीदी कर पैसों के भुगतान का आदेश दे दिया गया।

जिसके बाद जिले के सभी 176 प्राथमिक शालाओं में सामान पहुंचने से पहले ही सप्लायर ने कोटेशन और बिल प्रधान पाठकों के पास पहुंचा दिया गया। जिला प्रशासन की जांच में जब सामानों की जांच की गयी, तो महत 5560 रूपये के सामानों को DMC के कहने पर 3 गुना कीमत में प्रधान पाठकों पर दबाव बनाकर ओम प्रकाश पुस्तक भंडार को एक सप्ताह के भीतर पैसों का भुगतान करवा दिया गया। जांच में इस भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद कोरिया कलेक्टर विनय लंगहे ने 6 जुलाई 2023 को ही कार्रवाई के लिए प्रबंध संचालक राजीश गांधी शिक्षा मिशन को पत्र लिखा गया था। लेकिन कलेक्टर के पत्र लिखने के बाद भी पूर्ववर्ती सरकार में मजबूत पकड़ रखने वाले DMC मनोज पांडये पर कोई कार्रवाई नही हो सकी। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद कलेक्टर विनय लंगहे ने एक बार फिर 4 मार्च 2024 को स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट के साथ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। लेकिन कलेक्टर के पत्र लिखने के आज 9 दिन बाद भी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर भ्रष्टाचार करने वाले कोरिया के तत्कालीन DMC मनोज कुमार पांडेय पर कोई एक्शन नही लिया जा सका है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार में  तेज तर्रार शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने हाल ही में पूर्ववर्ती सरकार में स्कूलों में हुए खरीदी के मामले में बड़ा एक्शन लिया था। मंत्री ने विधानसभा में दोषी डीईओं को तत्काल सस्पेंड करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही मंत्री ने शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नही करने की दलील भी दी थी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि एक तरफ जहां सूबे के मुखिया और शिक्षा मंत्री भ्रष्टाचार पर त्वरित कार्रवाई करने तल्ख तेवर दिखा रहे है। वहीं दूसरी तरफ बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर सामान खरीदी में लाखों रूपये का भ्रष्टाचार करने वाले DMC के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर द्वारा पत्र लिखने के बाद भी आखिर अब तक एक्शन क्यों नही लिया गया, ये सोचने का विषय है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पूर्ववर्ती सरकार में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले DMC की पहुंच कलेक्टर और सचिव स्तर के अधिकारी पर भी भारी पड़ता नजर आ रहा है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ और भ्रष्टाचार के इस मामले पर सरकार क्या एक्शन लेती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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