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नक्सलियों के मांद में बाइक से पहुंचे कलेक्टर-SSP : …जब कलेक्टर ने अपनी कुर्सी दे दी ग्रामीण को,देख मौजूद लोग रह गये दंग..

जगदलपुर 7 मई 2023। …जिन बीहड़ों में बख्तरबंद गाड़ियों में भी चलना खतरे से खाली नहीं, उन रास्तों पर कलेक्टर और एसपी बाइक से निकले। नक्सलियों के मांद में जिस अंदाज में कलेक्टर और एसपी की इंट्री हुई, उसने ये इशारा कर दिया है कि ये अफसर बस्तर को बदलना चाहते है…लाल आतंक के खौफ को मिटाना चाहते हैं और ग्रामीणों की जिंदगी को संवारना चाहते हैं। रविवार के दिन बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम और एसएसपी जितेंद्र मीणा संडे के सुकून को छोड़ बीहड़ों में बसे गांवों की जिंदगी संवारने निकले। इस दौरान कलेक्टर ने ना सिर्फ विकास योजनाओं का जायजा लिया, बल्कि ग्रामीणों के बीच चौपाल लगायी।इस दौरान कलेक्टर विजय दयाराम का एक अनूठा अंदाज भी ग्रामीणों ने देखा। दरअसल कलेक्टर के स्वागत में ग्रामीणों ने कुर्सियां बिछायी थी, लेकिन कलेक्टर ने अपनी कुर्सी ग्रामीणों को दे दी और खुद पत्थर पर बैठकर लोगों की समस्याओं को सुना।

बस्तर अपनी खूबसूरती के लिए पूरे छत्तीसगढ़ के साथ ही देश में अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए हैं। लेकिन इसी बस्तर में नक्सल समस्या एक बदनुमा दाग के समान हैं। सूबे में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के साथ ही माओवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा हैं। बस्तर में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यो की जमीनी हकीकत जानने रविवार को कलेक्टर विजय दयाराम के. और एसएसपी जितेंद्र सिंह मीणा जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर ग्राउंड जीरों पर पहुंचे। बस्तर के दुर्गम और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में शामिल कोलेंग क्षेत्र के ग्राम पंचायत छिंदगुर के आश्रित ग्राम चांदामेटा पहुंचे। गांव में कलेक्टर के साथ प्रशासनिक अफसर और एसपी को देखकर ग्रामीणों के चेहरे पर एक बार फिर प्रशासन पर भरोसा नजर आया।

गांव में पहुंचे कलेक्टर और एसपी के लिए ग्रामीणों द्वारा कुर्सी टेबल लगाया गया। लेकिन संवेदनशील कलेक्टर विजय दयाराम के. ने ग्रामीणों का सम्मान करते हुए उन्हे कुर्सी पर बैठाकर दूसरे ग्रामीणों के साथ पास के ही एक चट्टान पर बैठ गये। इस नजारे को देखने के बाद ग्रामीणों के साथ ही प्रशासनिक अफसर भी देखते रह गये। कलेक्टर और एसपी ने चट्टान में ही बैठकर गांव के बीच चैपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्यांए जानी। चर्चा में ग्रामीणों ने गांव में स्वास्थ्य केंद्र नही होने की जानकारी दी। जिस पर तत्काल एक्शन लेते हुए कलेक्टर ने सप्ताह में दो दिन आरएमए को गांव में आकर स्वास्थ्य सेवांए दुरूस्त करने का निर्देश दिया गया। नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जमीनी हकीकत लेकर वापस लौटे कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा हैं। जल्द ही सड़क का काम पूरा कर लिया जायेगा। उन्होने साफ किया कि सड़क बनने के बाद गांव में विकास के रास्ते खुल जाते हैं, इसलिए यहां भी सड़के प्रथम प्राथमिका से बनवाने का काम कराया जायेगा। ग्रांम चांदामेटा में स्कूल भवन का निर्माण कार्य हो चुका है, वहीं आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण भी चल रहा है, जो कि जल्द ही पूरा हो जायेगा।

स्कूल भवन बनने के बाद अब गांव के बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरे गांव जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इसके साथ ही छोटे बच्चों के साथ किशोरी बालिका और शिशुवती माताओं को भी आंगनबाड़ी के माध्यम से नियमित तौर पर पोषण प्राप्त होगा, और उनके सेहत में सुधार होगा। कलेक्टर ने बताया कि बैठक के दौरान ग्रामीणों को सीआरपीएफ कैंप में आयोजित चिकित्सा कैंप का नियमित तौर पर लाभ उठाकर बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया गया हैं। कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि ग्राम चांदामाटा में बातचीत के दौरान पटेलपारा गांव की जानकारी सामने आयी। पटेलपारा तक चार पहिया वाहन के लिए सड़क नही होने पर उन्होने एसपी के साथ बाइक पर ही गांव तक का सफर तय किया। धुर नक्सल प्रभावित गांव पटेल पारा में पहुंचकर एसपी ने यहां रहने वाले धुरवा जनजाति के लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्यांए जानी।

कलेक्टर विजय दयाराम ने पटेल पारा गांव में रहने वाले परिवार के अधिकांश सदस्य पहले नक्सल संगठन के सदस्य थे। लेकिन क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यो से अब गांव के लोग भी प्रभावित हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों के गांव में पहुंचने पर गांव के लोगों द्वारा बिजली और स्वास्थ्य की समस्या बतायी गयी। इससे समझा जा सकता हैं कि लोगों का अब शासन प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में कराये जा रहे विकास कार्यो को देखने के बाद आज क्षेत्र के ग्रामीण खुलकर अपनी मांग प्रशासन के सामने रख रहे हैं। जिन्हे जल्द ही पूरा कराने का निर्देश दिया गया हैं।

गौरतलब हैं कि बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. नक्सल प्रभावित बलरामपुर जिला में रहते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए थे। यहां नक्सल प्रभावित पुदांग क्षेत्र में वर्ष 2014 से सड़क का काम अधूरा था।इस गांव तक सड़क नही होने के कारण मतदान दलों को हेलीकाॅप्टर से भेजना ही एक मात्र रास्ता था। जिसे बलरामपुर में पदस्थापना के दौरान विजय दयाराम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर पूरा कराने में अहम भूमिका निभाई थी। ऐेसे में अब बस्तर में पोस्टिंग के बाद कलेक्टर विजय दयाराम एक बार फिर ग्राउंड जीरों पर पहुंचकर शासन की महत्वाकांक्षी योजना और विकास कार्यो को रफ्तार देते नजर आ रहे हैं।

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