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CG : रेपिस्ट को सुप्रीम कोर्ट ने दिया 7.50 लाख मुआवजा देने का निर्देश…..जानिये क्या है पूरा मामला, किस तरह हुई थी इस मामले में सुनवाई

रायपुर 14 जुलाई 2022 । एक रेप के दोषी को 7.5 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश सजा की अवधि पूरी होने के बाद भी आरोपी को जेल में रखे जाने के मामले में दिया है। कोर्ट ने ज्यादा वक्त तक जेल में बंद रखे जाने को उसके मौलिक अधिकारों का हनन माना है। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार ने इस केस में सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता युवा है, उसे लंबे समय तक और गैरकानूनी तरीके से उसके मौलिक अधिकारों से वंचित रखा गया। इसकी वजह से उसने हिरासत में ज्यादा समय रहने की मानसिक पीड़ा को सहा है।

जशपुर जिले के फरसाबहार थाना क्षेत्र के ग्राम तमामुंडा निवासी भोला कुमार दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद था। निचली अदालत ने उसे साल 2014 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने 19 जुलाई 2018 को उसकी सजा सात साल कर दी थी। इसके बाद भी उसे 10 साल से अधिक समय जेल में बिताना पड़ा। इसके खिलाफ भोला कुमार ने अंबिकापुर जेल में रहते हुए सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा था।

उसके पत्र को स्पेशल लिव पीटिशन (SLP) के रूप में स्वीकार किया। साथ ही केस में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को अभियुक्त के संबंध में दस्तावेज तैयार करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में पेश दस्तावेज के आधार पर सुनवाई हुई। अंबिकापुर जेल अधीक्षक के दस्तावेजों का परीक्षण किया गया। उसमें पुष्टि हुई कि हाईकोर्ट ने सजा की अवधि में संशोधन किया था। फिर भी रिहाई नहीं दी गई।

सुप्रीम कोर्ट उस व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दोषी करार देते हुए, निचली अदालत के फैसलो को बरकरार रखा था। हालांकि, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 12 साल की सजा को घटा कर 7 सल कर दिया था। लेकिन दोषी ने जेल में कुल 10 साल 3 महीने और 16 दिनों का वक्त बिताया। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि वह व्यक्ति को 3 साल 3 महीने और 16 दिन जेल में ज्यादा रखने के लिए उसे मुआवजा दे। 

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