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ज्ञानवापी केस: ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की मांग पर टला फैसला…11 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई….

उत्तर प्रदेश 07 अक्टूबर 2022 : ज्ञानवापी केस में कोर्ट ने ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की मांग को लेकर फैसला को 4 दिनों के लिए टला दिया है। यह फैसला अब 11 अक्टूबर को होगा।

ज्ञानवापी मामले में सुनवाई टल गई है।  सर्वे में मिले कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग के मुद्दे पर यह फैसला आने वाला था लेकिन कोर्ट ने फैसले की अगली तारीख 11 अक्टूबर तय की है। बता दें कि इस मामले में गुरुवार 29 सितंबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने फैसले के लिए आज की तारीख तय की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान वादी राखी सिंह के वकील ने कार्बन डेटिंग न कराए जाने की मांग की थी, जबकि चार अन्य वादियों के वकील विष्णु शंकर जैन ने कार्बन डेटिंग या किसी अन्य तरह की साइंटिफिक जांच करवाकर कथित शिवलिंग की प्राचीनता का पता लगाने की गुहार लगाई थी।

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने अपना आदेश टाल दिया है। हिन्दू पक्ष के वकील के अनुसार अदालत ने कहा कि इस मामले में हम कुछ स्पष्टीकरण चाहते हैं। मुस्लिम पक्ष का प्रतिउत्तर सुनने के बाद अदालत अपना फैसला सुना सकता है। अब मामले की अगली सुनवाई 11 अक्तूबर को होगी। उस दिन अदालत पहले मुस्लिम पक्ष को सुनेगी। इसके बाद ही अदालत का आदेश आ सकता है।

वहीं, सिविल जज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में ज्ञानवापी प्रकरण के दो प्रार्थनों पर सुनवाई टल गई है। गुरुवार को ही प्रार्थनों पत्रों पर सुनवाई होनी थी। मगर भरत मिलाप की लोकल छुट्टी से कचहरी में अवकाश होने के कारण शुक्रवार को कोर्ट खुलने पर सुनवाई की तारीख लगी। मगर शुक्रवार को भी अदालत की पीठासीन अधिकारी अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नही हो सकी। इस मामले में अगली सुनवाई अब 11 अक्तूबर को होगी। 

इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग के पूजा-पाठ राग-भोग आरती करने की मांग लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में दाखिल अर्जी पर भी सुनवाई टल गई। इस कोर्ट के भी पीठासीन अधिकारी अवकाश पर होने के कारण ही सुनवाई नही हुई। इस मामले के लिए अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी।

वही शुक्रवार को सिविल जज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में अविमुक्तेश्वर भगवान आदि की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई टल गई। इस मामले में भी 28 अक्तूबर की तिथि नियत की है। 

दिल्ली निवासी हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व खजुरी निवासी अजीत सिंह ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। इसमें अविमुक्तेश्वर भगवान के पूजा-पाठ राग-भोग, भजन-कीर्तन व धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन की अनुमति की मांग की गई है।

जिला कोर्ट के फैसले से पहले हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि हमने कार्बन डेटिंग की मांग शिवलिंग के लिए नहीं की है। हमने मांग की है कि ASI की एक्सपर्ट कमेटी से इसकी जांच की जाए। यह शिवलिंग कितना पुराना है, यह शिवलिंग है या फव्वारा है। शिवलिंग के आसपास अगर कुछ कार्बन के पार्टिकल्स मिले तो उसकी जांच की जा सकती है, लेकिन हमारी मांग सिर्फ एक विशेषज्ञ कमेटी बनाकर इसकी जांच करने की है। विष्णु जैन ने आजतक से बातचीत में कहा कि अदालत में दलीलें पूरी हो चुकी हैं। आज वाराणसी के जिला जज इस पर अपना फैसला सुनाएंगे जो ऑर्डर उन्होंने रिजर्व कर लिया है। मुस्लिम पक्ष ने अपनी तरफ से एफिडेविट देकर कहा है कि यह फव्वारा है और इसके लिए किसी एक्सपर्ट कमेटी की जांच की जरूरत नहीं है। हिंदू पक्ष के एक वकील जितेंद्र सिंह विशेन और उनकी वादी पत्नी रेखा सिंह के द्वारा कार्बन डेटिंग के सवाल उठाए जाने पर विष्णु जैन ने कहा कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं कि कौन-क्या कह रहा है। वह सिर्फ एक वकील की हैसियत से 4 महिला वादियों की तरफ से इस मामले की बहस कर रहे हैं। बाकी कौन विरोध कर रहा है, कौन नहीं। इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

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