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DEO का U टर्न : सभी DDO के वेतन रोकने के आदेश पर धमतरी DEO का U टर्न… संजय शर्मा की आपत्ति के बाद पेंशन संचालक ने लिया संज्ञान, DEO ने आदेश जारी कर लिखा- :आदेश को निरस्त किया जाता है”

धमतरी 24 फरवरी 2023। ..वेतन रोकने के आदेश जारी करने के कुछ ही घंटों बाद धमतरी DEO ने यू टर्न ले लिया है। NPS/OPS विकल्प चयन समयावधि तक पोर्टल में प्रविष्टि नहीं किये जाने को मामले में धमतरी DEO ने सभी DDO के वेतन रोकने का आदेश दिया था। इस मामले को लेकर टीचर्स एसोसिएशन ने तीखी नाराजगी जतायी थी। इस मामले में टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय शर्मा ने पेंशन संचालक नम्रता गांधी को शिकायत भेज आपत्ति भी दर्ज करायी थी।

पेंशन संचालक नम्रता गांधी को शिकायत के आधार पर आनन-फानन में धमतरी जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेश वापस लिया है। अपने आदेश में डीईओ धमतरी ने कहा है कि

दिनांक 24.2.2023 को आहरण संवितरण अधिकारियों के वेतन रोकने संबंधी पत्र को जारी किया गया था, उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।

धमतरी डीईओ

आपको बता दें कि आज शाम जैसे ही धमतरी डीईओ का वेतन रोकने संबंधी पत्र वायरल हुआ, शिक्षक वर्ग में इसकी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। वहीं पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा के प्रांतीय संचालक और टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा था कि धमतरी डीईओ दवाब बनाकर भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

संजय़ शर्मा ने जतायी थी तीखी आपत्ति

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा था कि जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी द्वारा प्राचार्य एवं DDO के माह फरवरी का वेतन रोकने संबंधी आदेश जारी किया गया है, जो पूर्णतः गलत है। एनपीएस अथवा OPS विकल्प भरने मे एलबी संवर्ग के शिक्षक असमंजस में है क्योंकि उनका भविष्य अभी भी अधर मे लटका हुआ है। इसका मूल कारण उनकी नियुक्ति 1998 से 2016 के बीच हुई है किंतु उनकी पेंशन हेतु सेवा अवधि की गणना संविलियन जुलाई 2018 के बाद मानते हुए विकल्प पत्र भराया जा रहा है। जिसके कारण से अधिकांश एल बी संवर्ग कर्मचारी ओल्ड पेंशन की पात्रता हेतु 10 वर्ष की सेवा अवधि से भी बाहर हो रहे हैं।

साथ ही साथ 33 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण न करने के कारण पूर्ण रूप से ओल्ड पेंशन की पात्रता को अर्जित नहीं कर पा रहें है, सबसे पहले शासन – प्रशासन यह स्पष्ट करें कि प्रथम नियुक्ति ही पेंशन का आधार होगा। इस आशय का पत्र शासन को दिया गया है, किन्तु स्पष्टीकरण जारी करने के बजाय दबाव बनाया जा रहा है, इसकी खिलाफत करेंगे।

क्योंकि पुरानी सेवा अवधि को आधार मानकर ही शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है तो फिर पेंशन की गणना मे यह विसंगति क्यों? अतः हमें प्रथम नियुक्ति से ही पुरानी पेंशन प्रदान करने हेतु स्पष्ट आदेश जारी की जाए, ताकि हम कोई दुविधा मे ना रहे, परंतु धमतरी के डीईओ जैसे अधिकारी हमारी समस्याओं को ध्यान न देकर केवल शिक्षकों को विकल्प भरने हेतु दबाव बना रहे है और इसमें पूरे प्रशासन तंत्र लगा हुआ है। अधिकारियों को चाहिए कि शिक्षको के भविष्य के प्रश्न को उच्चाधिकारियो को अवगत कराएं, धमतरी डीईओ खुद यह बताने में अक्षम की शिक्षको के प्रथम नियुक्ति से पेंशन क्यो लागू नही किया गया, अगर उन्हें मालूम है तो सार्वजनिक पत्र जारी कर शिक्षको को संतुष्ट करें।

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