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ELECTION RESULT- उत्तराखंड के पूर्व CM हरीश रावत की दूसरी बड़ी हार, उधर पंजाब के मौजूदा CM चन्नी सहित सिद्धु भी चुनाव हारे……

 

उत्तराखंड/पंजाब 10 मार्च 2022 । उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड में भी बीजेपी अपनी पैठ मजबूत करती नजर आ रही है। मतगणना रूझान में अभी भी बीजेपी की बढ़त जहां बरकरार है, वही उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को दूसरी बड़ी हार का सामना करना पड़ा है, उधर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धु को आज की जीवन जोत ने करीब 75 हजार वोट से हराकर जीत हालिस की है।

हम आपको बता दे कि कुमाऊं की लालकुआं सीट से चुनाव लड़े पूर्व सीएम हरीश रावत हार गए हैं। यहां से बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने अपनी जीत सुनिश्चित की है। यहां हुए चुनावी मुकाबले में हरीश रावत को करीब 14 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा है। माना जा रहा है कि लालकुआं सीट से कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ीं संध्या डालाकोटी के कारण कांग्रेस के वोट बैंक में खासी सेंध लगी, जिससे हरीश रावत को हार का मुंह देखना पड़ा।

हरीश रावत की यह दूसरी बड़ी हार है। पिछले चुनाव में भी हरीश रावत को बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था। लालकुआं सीट से किस्मत आजमा रहे पूर्व सीएम हरीश रावत अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन उन्हें इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा इसका अंदाजा उन्हे कभी भी नहीं था।

गौरतलब है कि इस बार पहले हरीश रावत को कुमाऊं की ही रामनगर सीट से टिकट दिया गया था, लेकिन वहां से सक्रिय रहे कांग्रेस के रंजीत रावत और उनके समर्थकों के विरोध के कारण बाद में हरीश रावत का टिकट बदल दिया गया और लालकुआं से लड़ाया गया। इस बार के चुनाव में भी कांग्रेस ने प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने की दिशा में उन्हें ही मुख्यमंत्री का चेहरा माना जा रहा था। बता दें कि पिछले चुनाव में हरीश रावत हरिद्वार और किच्छा दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़े थे और दोनों से ही हार गए थे।

वही दूसरी तरफ पंजब मंे आप का जादू चला है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह 13 हजार तो सुखबीर सिंह बादल 12 हजार वोट से चुनाव हार गए हैं। मौजूदा सीएम चन्नी और कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा समेत उसके सहयोगी मिलकर भी आप के लगभग चौथाई हिस्से तक ही पहुंच पा रहे हैं। वहीं भाजपा दहाई का अंक छूने के लिए तरसती नजर आ रही है।

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