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NW स्टोरी : फेसलेस हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन: भूपेश बघेल की इस योजना ने कर दी, वाहन मालिकों की सारी मुश्किलें आसान, बैंक व RTO के चक्कर लगाने से मिल गयी आजादी

रायपुर 22 सितंबर 2023 पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत..और टैक्स के बढ़े दायरे ने वाहनों मालिकों के लिए मुश्किलों का अंबार खड़ा कर दिया है। मुश्किलों में घिरे सैंकड़ों वाहन मालिकों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर परिवहन विभाग की नवाचारी पहल से वाहन मालिकों को बड़ी सुविधा दी। बैंक हाइपोथिकेशन से जुड़ी सेवाओं को फेसलेस करने से अब वाहन मालिक को घर बैठे ही हाइपोथिकेशन हटाने की सेवा का लाभ मिल रहा है। तो वन टाइम सेटलमेंट स्कीम से भी वाहन मालिकों को बहुत फायदा हुआ है।  

फेसलेस हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन का मिल रहा है लाभ

हाइपोथिकेशन के लिए वाहन मालिकों को अब बैंक और आरटीओ कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ती है और ना ही फार्म 35 या बैंक से एनओसी लाने की ज़रूरत पड़ती है। अब तक राज्य के एक लाख 29 हजार 567 वाहन मालिकों को फेसलेस हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन का लाभ मिल चुका है।परिवहन विभाग द्वारा लगभग 75 बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर वित्तीय कंपनियों को हाइपोथिकेशन सेवाओं के साथ एकीकृत भी कर दिया गया है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन के लिए पहले परिवहन विभाग में पृथक से आवेदन करने की आवश्यकता होती थी। इसके लिए पहले वाहन स्वामी को बैंक जा कर फॉर्म 35 और एनओसी लेना पड़ता था फिर आरटीओ में आनलाइन फार्म भरना पड़ता था उसके बाद फार्म और एनओसी को जमा करने आरटीओ ऑफिस जाना पड़ता था। जिसे अब पूर्णतः फेसलेस कर दिया गया है। हाइपोथिकेशन समाप्ति के लिए आरटीओ कार्यालय द्वारा भौतिक दस्तावेज देने की ज़रूरत नहीं है।

ऑनलाइन मिल रही है सुविधा

ऋण देने वाली संस्थाओं के द्वारा जैसे ही लोन क्लोज किया जाएगा वो जानकारी 24 घंटे के भीतर परिवहन विभाग के वाहन सर्वर में ऑनलाइन अपडेट हो जाएगी। इसके बाद किसी भी भौतिक दस्तावेज या आवेदन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। लोन क्लोज़र के बाद परिवहन विभाग में हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन को सत्यापित और अनुमोदित करने का काम स्वतः ही हो जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा हाइपोथिकेशन के स्वतः टर्मिनेशन के बाद एम परिवहन तथा डीजी लॉकर पर अपडेटेड आरसी उपलब्ध करा दी जाएगी और एसएमएस के माध्यम से हाइपोथिकेशन हटाने की सूचना वाहन मालिकों को मिलेगी।

क्या होता है हाइपोथिकेशन

जब भी कोई गाड़ी किसी बैंक से लोन लेकर ख़रीदी जाती है तो एक तरह से गाड़ी बैंक के पास गिरवी या बंधक होती है। आप लोन लिए ह्यूज गाड़ी में कोई भी कार्य बैंक के अनुमति के बिना नहीं कर सकते है।आपकी गाड़ी हाइपोथैकेशन में है, यह जानने के लिये आप आरसी में देखेंगे तो यदि नीचे बैंक का भी नाम लिखा है तो वो गाड़ी बैंक के पास बंधक है जब लोन पटा दिया जाता है तो हाइपोथैकेशन हटाने से बैंक का नाम हट जाता है।

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में खुले 461 परिवहन सुविधा केंद्र

तुंहर सरकार तुंहर दुआर के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 461 परिवहन सुविधा केंद्र आरम्भ किये गए हैं। प्रदेश के सभी विकासखण्डों में यह केन्द्र आरम्भ हो चुके हैं। परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि अब तक 14 लाख 33 हजार 444 रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र और 6 लाख 70 हजार 651 ड्राइविंग लाइसेंस की होम डिलीवरी हुई है।वर्तमान में परिवहन विभाग द्वारा संचालित तुंहर सरकार-तुंहर दुआर योजना के माध्यम से 22 प्रकार की सेवाओं की घर पहुंच उपलब्ध कराई जा रही है। परिवहन सुविधा केन्द्र के माध्यम से शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिला है। अब किसी भी आवेदक के डेटा के आधार प्रमाणीकरण के बाद प्राप्त आवेदनों का बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के स्वतः अनुमोदन हो जाता है।

ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया हुई सरल

इसी तरह ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जारी होने वाला प्रमाण पत्र वन-ए भी ऑनलाइन जारी किया जा रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा डॉक्टरों की सेवाएं ली जा रही हैं। अब तक एक लाख से अधिक मेडिकल फार्म ऑनलाइन जारी किए जा चुके हैं। आवेदक को पंजीयन पुस्तिका एवं ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए परिवहन कार्यालय नहीं जाना पड़ता। इसके साथ ही परिवहन विभाग द्वारा आसानी से स्वामित्व हस्तांतरण के लिए भी आधार प्रमाणीकरण सेवा शुरू की गई है।

आटोमेटिक ई-डिटक्शन सिस्टम लागू

छत्‍तीसगढ़ में अनफिट वाहनों पर सख्ती शुरू हो गई है। एक महीने के भीतर 19 टोल नाकों से गुजरने वाले 40 लाख 48 हजार वाहनों में से 17 हजार 686 वाहनों का चालान ई-डिटक्शन सिस्टम से काटा जा चुका है, वहीं फिटनेस, दस्तावेज आदि को लेकर कुल 47 हजार 70 वाहनों की जांच की गई है। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए टोल नाकों पर आटोमेटिक ई-डिटक्शन सिस्टम लागू किया गया है। यहां आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकागनेशन (एएनपीआर) कैमरा लगाया गया है, जिसके जरिए वाहनों को आनलाइन चालान भेजा जा रहा है। अनफिट वाहनों के आंंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में दो लाख 66 हजार 628 वाहन बिना फिटनेस के फर्राटा मार रहे हैं। बिना फिटनेस के सड़कों पर दौड़ रहे सड़क सुरक्षा को लेकर भी खतरा बने हुए हैं। ऐसे वाहनों पर परिवहन विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल गेट को ई-डिटक्शन सिस्टम से जोड़ा है। साफ्टवेयर की मदद से अनफिट वाहनों की जानकारी टोल नाके में तैनात कर्मचारियों को मिल रही है। इसके जरिए चालानी कार्रवाई जारी है। प्रदेश में वर्तमान में 19 टोल नाकों पर ई-डिटक्शन सिस्टम लागू किया जा चुका है।

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