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दिवंगत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं के समर्थन में उतरे पूर्व CM रमन, बोले- कैबिनेट में 1 मिनट में इनके पक्ष में लिया जा सकता है फैसला… हर महीने कैबिनेट…

रायपुर 23 नवंबर 2022 : करीब 1 महीने से अनुकम्पा नियुक्ति शिक्षाकर्मी कल्याण संघ के बैनर तले अनुकम्पा नियुक्ति की मांग पर महिलाएं आंदोलनरत हैं। इस दौरान धरना दे रही विधवा महिलाओं के सब्र का बांध टूट पड़ा। कल एक महिला ने बूढ़ा तालाब में छलांग लगाने का प्रयास भी किया। धरना स्थल पर धरना दे रहीं महिलाएं अनुकम्पा नियुक्ति की मांग कर रही हैं।

ये वो महिलाएं हैं जिनके पति पंचायत स्तर के स्कूलों में पढ़ा रहे थे। किसी की हादसे में मौत हो गई तो किसी को बीमारी ने छीन लिया। अब इन महिलाओं का कहना है कि पति की जगह सरकारी नौकरी दी जाए।
धरना स्थल पर पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने महिलाओं की मांग को लेकर संवेदना व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को तत्काल स्वीकार करे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए संघर्षरत यह परिवार जो उनके आश्रित परिवार हैं उनके भी दुआएं हैं। उनके आश्रित परिवार के लोग हैं। संघर्ष कर रहे हैं मगर कल तो जब मैं टीवी के माध्यम से देखा तो यह आंदोलन की स्थिति यह पहुंची है, कि यह बूढ़ा सागर में जल समाधि लेने के लिए तैयार हो गए हैं तो समझ में आया कि पूरा छत्तीसगढ़ दहल गया। छत्तीसगढ़ की संवेदनशील सभी व्यक्ति को बहुत पीड़ा महसूस हुई कि निश्चित रूप से एक छोटी मांग है। सरकार बड़े से बड़े काम कर सकती है बड़े से बड़े निर्णय ले सकती है एक कैबिनेट का 1 मिनट इनकी जीवन को बदल सकते हैं ।

हर महीने कैबिनेट होता है, कैबिनेट में निर्णय लें जो अनुकंपा नियुक्ति कि मामले जो पेंडिंग बनाकर रखे हैं। यह सारे जो भी विधवाये हैं जो उनके आश्रित परिवार हैं शिक्षक कर्मियों को उनको तत्काल ना केवल नौकरी मिले, जितने लोग वेटिंग में हैं उन्हें भी नौकरी दी जाये। यह सरकार के 1 मिनट का निर्णय है यह जो तकलीफ पीड़ा जो झेल रही है जो आज तकलीफ के साथ महीनों से बैठी हुई है। निश्चित रूप से यह इनका संघर्ष का नतीजा निकलेगा और सरकार को झुकना पड़ेगा। सरकार को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए, यह जो अपने का सवाल नहीं है सरकार को मानवीय संवेदना के साथ जोड़कर उनकी भावनाओं के साथ जुड़ना चाहिए और मुझे लगता है कि तत्काल उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए।

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