हेडलाइन

7 पर सस्पेंस : होल्ड पर कांग्रेस की डेंजर जोन की 7 सीटें, जानिये अटक गयी ये सेवन सीटें


रायपुर 18 जून 2023। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने आज 53 प्रत्याशियों की एक और लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी ने दूसरी लिस्ट में कुल 53 प्रत्याशियों को टिकट दिया है। इससे पहले 30 उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए थे। य़ानी कुल मिलाकर कांग्रेस ने 83 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। आज जारी हुई लिस्ट में 10 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं, वहीं कुल 17 नए चेहरों को मौका मिला है। सबसे खास ये है कि पार्टी ने अब जबकि मतदान में एक महीने से भी कम समय बाकी है, तब भी सात सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है। दरअसल, ये वो सात सीटें हैं, जो पार्टी की आंतरिक सर्वे में डेंजर जोन में हैं। सात में से छह सीटों पर तो कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि एक पर भाजपा विधायक है।


कसडोल- शकुंतला साहू

पार्टी ने जिन सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, उनमें कसडोल अहम सीट है। यहां मुख्यमंत्री की पसंद करीबी विधायक शकुंतला साहू है। लेकिन पांच साल के दौरान वे कई बार विवादों में रहीं। कभी बर्थडे प्रोग्राम में अफसर से नोटशीट चलवाने के लिए, तो कभी रेत-खदान माफिया के साथ खड़े होने को लेकर। कई बार शकुंतला साहू विवादों में घिरी और उनके दुर्व्यवहार के कई वीडियो भी पिछले कुछ सालों में जमकर वायरल हुए।

रायपुर- कुलदीप जुनेजा

रायपुर उत्तर से दो बार विधायक रह चुके कुलदीप जुनेजा की टिकट पर इस बार तलवार लटकी हुई है। दूसरी सूची में भी उनका नाम नहीं होना बताता है कि वे डेंजर जोन में है। उनके बारे में पार्टी की आम राय है कि वे एक्टिव मोड में नहीं हैं। पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे में भी यही बात सामने आई है, लिहाजा पार्टी किसी तरह रिस्क लेने के मूड में नहीं है। यहां से कुलदीप जुनेजा की जगह सिंधी समाज के अजीत कुकरेजा प्रबल दावेदार हैं। यहां भाजपा ने सुंदरानी को टिकट नहीं देकर सिंधी समाज को नाराज कर दिया है, जिसका फायदा उठाने के लिए कांग्रेस अजीत कुकरेजा पर दांव लगा सकती है। वहीं दूसरे नंबर पर डॉ. राकेश गुप्ता का नाम है, जो पिछले कई साल से सक्रिय हैं। पार्टी को उम्मीद है कि अगर उन पर दांव लगाया जाएगा, तो भी सीट कांग्रेस के पास बरकरार रह सकती है।

बैकुंठपुर- अंबिका सिंहदेव

अंबिका सिंहदेव को लेकर पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे में अच्छी रैंकिंग नहीं मिली है। उन पर एक्टिव नहीं होने का आरोप है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वे मिलती ही नहीं और लोगों के काम भी नहीं हुए।

सरायपाली- किस्मत लाल नंद

सरायपाली से किस्मत लाल नंद की किस्मत शायद रूठ गई है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि वे बेहद कमजोर प्रत्याशी साबित होंगे। इसलिए पार्टी उन्हें दोबारा मैदान में उतारने से पहले सोच रही है। साथ ही सरायपाली इलाके के दूसरे विकल्प पर बात कर रही है।


महासमुंद- विनोद चंद्राकर

महासमुंद से भी कांग्रेस ने टिकट रोक रखी है। इस सीट को होल्ड में रखने का भी सीधा मतलब यही है कि विनोद सेवकलाल चंद्राकर की टिकट खतरे में है। सर्वे में उसकी स्थिति खराब थी। मुख्यमंत्री की भेंट-मुलाकात के दौरान भी कुछ बातें सामने आईं और विनोद सेवकलाल चंद्राकर पिछले कुछ सालों में कई विवादों से जुड़ गए। ये उनके टिकट की राह में बाधा है।


सिहावा- लक्ष्मी ध्रुव

सिहावा में तो लक्ष्मी ध्रुव को टिकट मिली तो काम नहीं करने की बात पार्टी के कार्यकर्ता कह रहे हैं। कार्यकर्ता यहां लामबंद हैं और लक्ष्मी ध्रुव की टिकट काटकर किसी और को देने की मांग कर चुके हैं। पार्टी की सर्वे में भी लक्ष्मी ध्रुव के नाम कोई उल्लेखनीय योगदान सामने नहीं आया है।

धमतरी- रंजना के खिलाफ कौन?

कांग्रेस ने जिन सात सीटों पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल नहीं किया है, उनमें धमतरी ही इकलौती ऐसी सीट है। जहां उसका विधायक नहीं है। यहां बीजेपी से रंजना साहू विधायक हैं। भाजपा ने फिर से रंजना साहू पर भरोसा किया है। वे पार्टी की प्रवक्ता के साथ मुखर महिला नेत्री हैं। लिहाजा कांग्रेस उनके खिलाफ सोच-समझकर प्रत्याशी मैदान में उतारना चाहती है।

Back to top button