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गोलगप्पे वाले का बेटा बना पायलट, कई बार हुआ नाकाम, पर नहीं मानी हार, अब उड़ाएगा फाइटर प्लेन

मध्य प्रदेश 15 दिसंबर 2022: कहते हैं कि लगन, मेहनत और जुनून एक साथ मिल जाए तो विपरीत हालात भी सफल होने से रोक नहीं सकते। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रहने वाले रविकांत ने। गोलगप्पे बेचने वाले देवेंद्र चौधरी के बेटे रविकांत ने अपने हौसले और जुनून के दम पर आसमान में उड़ान भरने का ख्वाब पूरा कर लिया है।

नीमच जिले के मनासा में ऐसा ही एक वाकिया सामने आया है। यहां द्वारकापुरी धर्मशाला के सामने पानी पुरी का ठेला लगाने वाले देवेंद्र चौधरी के बेटे रविकांत ने एयर फोर्स में पायलट बनने का सपना पाला था। अब वो सपना पूरा होने वाला है क्योंकि रविकांत का भारतीय वायुसेना में पायलट के लिए चयन हुआ है।

दरअसल एमपी के नीमच जिले में एक छोटा सा मानसा गांव है। जहां युवक के पिता गांव की ही धर्मशाला के सामने पानी पुरी ठेला लगाते है। रविकांत पढ़ाई के साथ पानी पूरी के व्यवसाय में अपने पिता की मदद कर रहा था। लेकिन बावजूद इसके रविकांत ने अपना हौंसला टूटने नहीं दिया और काम के साथ-साथ ही पढ़ाई को जारी रखी। उसकी लगन और मेहनत अब रंग लाई है। आखिरकार कड़ी मेहनत के बाद रविकांत की मेहनत सफल हुई है, और आखिरकार रविकांत का चयन भारतीय वायु सेना में बतौर पायलट के लिए हुआ है।

रविकांत के पिता नीमच जिले के मनासा स्थित द्वारकापुरी धर्मशाला के सामने पानीपुरी का ठेला लगाते हैं। उनका नाम देवेंद्र चौधरी है। देवेंद्र चौधरी ने कड़ी मेहनत कर बेटे का सपना पूरा किया है। पढ़ाई से फुर्सत मिलने के बाद रविकांत भी पिता के साथ ठेले पर पानीपुरी बेचने आते थे। अब रविकांत की लगन और मेहनत रंग लाई है। भारतीय वायुसेना में पायलट पद के लिए चयन हो गया है।

रविकांत ने बताया कि मैंने 10वीं के बाद ही सोच लिया था कि देश सेवा करनी है। आज फाइनली वो सपना पूरा हो रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि हमारा पानी पुरी का धंधा ऐसा है कि परिवार में सभी का काम करना जरूरी है। अकेले के बस के बात नहीं है। तो जितना मुझसे बना मैंने किया औऱ पढ़ाई भी की है। ऑनलाइन पढ़ाई ने भी काफी भूमिका निभाई है क्योंकि गांव में रिसोर्स की काफी कमी है। मुझे बहुत अच्छा लगा कि जो सपना मैं 4 साल से देख रहा था, वो अब पूरा हुआ है। युवाओं को संदेश देते हुए रविकांत ने कहा कि सपने देखते रहो, लगातार पढ़ते रहो आपको भी अपनी मंजिल मिलेगी।

रविकांत जल्द ही हैदराबाद में ट्रेनिंग के लिए जाने वाले है। उन्होंने कहा कि मैं चार साल से तैयारी कर रहा था। चार साल की तैयारी के बाद मुझे सफलता मिली है। पापा वर्षों से पानीपुरी का ठेला लगा रहे हैं। हमलोग यूपी के रहने वाले हैं। 25 सालों से हम यही रह रहे हैं।

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