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Happy Birth Day CM Sir: “चाहत है छत्तीसगढ़ का हर परिवार मुझे एक सदस्य के रूप समझे” NW न्यूज को इंटरव्यू में कही ये बात CM भूपेश ने साबित कर दिखाया, बर्थडे स्पेशल में दाऊ की कुछ खास बातें..

रायपुर 23 अगस्त 2023। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। जन्मदिन पर मुख्यमंत्री को खूब बधाई भी मिल रही है। छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री के रूप में खुद की पहचान बनाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से, जब एक इंटरव्यू में NW न्यूज ने पूछा था कि वो क्या चाहते हैं, जनता उनके पहले कार्यकाल को किस रूप में याद करें, तो मुख्यमंत्री ने जवाब दिया था, वो चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ का हर परिवार उन्हें अपने घर के सदस्य के रूप में याद करें। वाकई में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी इस चाहत को साबित भी किया है। वो आज छत्तीसगढ़ के लोगों की पहली पसंद है। छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया मान-सम्मान को लेकर उन्होंने जो काम किये हैं, वो अभूतपूर्व है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ठेठ छत्तीसगढ़िया अंदाज के बूते ही उन्होंने अपनी पहचान घर-घर-गांव-गांव में बनायी है। प्रशासनिक तौर पर जितने सख्त कदम उठाने केलिए वो जाने जाते हैं, आमलोगों के लिए नरमदिल और हमदर्द बनकर वो उतने ही सामने आते हैं। कई दफा सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान दिल छू लेने वाले उनके अंदाज ने हर कोई को उनका कायल बनाया है। कोई सामान्य सा व्यक्ति भी अपनी परेशानी और दुखभरी कहानी अगर मुख्यमंत्री को बताता है, तो वो तुरंत उसे दूर करते हैं। फिर चाहे बात किसी की पढ़ाई में आ रही परेशानी की हो, किसी के इलाज की या फिर आर्थिक संकट की। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कई दफा मुख्यमंत्री के मानवीय पहलू को लोगों ने देखा और महसूस भी किया।

यही नहीं छत्तीसगढ़ की गेड़ी, छत्तीसगढ़ का बासी, तीजा, हरेली अगर सात समुंदर पार अमेरिका तक पहुंचा है, इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जाता है। मुख्यमंत्री भूपेश ने छत्तीसगढ़ के सम्मान और छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के लिए जितना काम पौने पांच सालों में किया, वो शायद पिछले डेढ़ दशक में भी नहीं हुआ था। किसी के लिए कका तो किसी के लिए दाऊ, बहनों के लिए भाई तो वहीं किसी के लिए जिम्मेदार बेटे भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस का वो चेहरा बन गए कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के ये उन चेहरों में शामिल हो गए  जिनकी कर्मठता और राजनीति पर पार्टी सबसे ज्यादा भरोसा करती है।  

23 अगस्त 1961 को दुर्ग जिले के बेलौदी गांव में जन्मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्ता को आमजन से जोड़ने का जो नायाब तरीका चुना, उसने उनको सबसे खास बनाया है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद  गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सूत्रवाक्य देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन पर उनकी जिंदगी के अहम पहलू की चर्चा हो रही है। रायपुर के साइंस कॉलेज से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की। भूपेश बघेल की मां का नाम स्वर्गीय  बिंदेश्वरी बघेल और पिता नंदकुमार बघेल है। भूपेश बघेल ने जमीनी स्तर से राजनीति के सफर की शुरुआत की। 1990 में वे दुर्ग जिला युवक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। फिर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने पर 350 किलोमीटर की सद्भावना यात्रा निकाली।

1994 में मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष बने। 32 साल की उम्र में वे अविभाजित मध्यप्रदेश में पहली बार विधायक बने। 1993 में पहली बार पाटन विधानसभा से जीतकर विधायक बने। फिर 1998 में दूसरी बार भी पाटन से निर्वाचित हुए। 2003 में तीसरी बार, 2013 में चौथी बार और 2018 में पांचवीं बार पाटन से चुनाव जीते। वे मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री और परिवहन निगम के अध्यक्ष भी बने। 2003 से 2018 तक लगातार वे सशक्त विपक्ष की भूमिका में रहे और 2003 से 2008 के बीच वे विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष भी रहे।

2013 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। गुटबाजी में उलझी कांग्रेस को ना केवल उन्होंने साधा बल्कि कांग्रेस की सत्ता की आस  में फांस लगाने वालों को भी पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाया। नतीजा ये रहा कि पिछले  15 सालों से सत्ता का वनवास भोग रही कांग्रेस को 2018 विधानसभा चुनाव में छप्पर फाड़कर सीटें मिलीं। पार्टी ने 65 से ज्यादा सीटें जीती। 17 दिसंबर 2018 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पहले साल जहां छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी के नारे को उन्होंने घर –घर पहुंचाया. वहीं छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता की अलख घर-घर पहुंचाई। आज मुख्यमंत्री अपना जन्मदिन मना रहे हैं, इस खास मौके पर NW न्यूज परिवार भी उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहा है। हैप्पी बर्थडे दाऊ…

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