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शिक्षक का रसूख ऐसा कि अफसरों के भी कार्रवाई में कांपते हैं हाथ…. महिला आयोग के निर्देश तक दरकिनार… करने कहा ट्रांसफर, कर दिया संल्ग्नीकरण, वो भी पूरे पावर के साथ…नये स्कूल में भी नहीं आये हरकतों से बाज…परेशान शिक्षकों ने लिखा, या तो इन्हें हटा दो…या हमें…

रायगढ़ 20 जुलाई 2022। ….अब इसे रसूख कह लीजिये….या फिर अफसरों का मिला वरदाना…लेकिन रायगढ़ में जो कुछ हो रहा है, वो ना तो शिक्षा विभाग के लिए अच्छा है और ना ही शिक्षकों के लिए। एक प्राचार्य पर महिला शिक्षिकाओं ने गंभीर आरोप लगाये, शिकायत महिला आयोग तक भी पहुंची…लेकिन शिक्षक का रसूख ऐसा कि सजा के नाम पर संग्लग्नीकरण दे दिया और वो भी पूरे पावर के साथ। मामला रायगढ़ के शासकीय उच्चतर कन्या माध्यमिक विद्यालय कुसमुरा का है। यहां पदस्थ प्राचार्य भरत पटेल पर महिला शिक्षिकाओं ने अभद्रता और अशिष्ट व्यवहार का आरोप लगाकर विभाग से शिकायत की। लेकिन, प्राचार्य का ऐसा रसूख कि विभाग ने जांच तो छोड़िये, एक नोटिस तक देना उचित समझा।

उसके बाद पीड़ित महिला शिक्षिकाओं ने महिला आयोग में शिकायत की। महिला आयोग ने जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर प्राचार्य भरत पटेल को अन्य स्थान में ट्रांसफर करने की अनुशंसा की, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उन्हें उस स्कूल से अन्य स्कूल में संलग्न किया गया अर्थात वह प्राचार्य के पद पर अभी भी कुसमुरा स्कूल से ही वेतन ले रहे हैं एवं प्राचार्य का पूरा वित्तीय अधिकार उनके पास ही है। यहां ये बात गौर करने वाली है प्रदेश में शिक्षा विभाग का कड़ा निर्देश है कि शिक्षकों का संल्ग्नीकरण नहीं होगा, सभी डीईओ ने इस बाबत शपथ पत्र भी दिया है।

संल्ग्नीकरण में भी सुविधा का रखा गया ख्याल

भरत पटेल का सबसे पहले हायर सेकेंडरी स्कूल सपनई में संलग्नीकरण हुआ। रायगढ़ शहर से दूर होने का हवाला देकर पुनः उनको शहर के ही स्कूल सरदार वल्लभ भाई पटेल हायर सेकेंडरी स्कूल रायगढ़ में पदस्थ किया गया और उसके बाद हायर सेकेंडरी स्कूल धनागर का प्राचार्य का दायित्व उनको सौंपा गया। इस तरह देखा जाए तो प्राचार्य के इच्छा अनुसार ही विभाग ने लगातार काम किया। इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कॉल लिफ्ट नहीं किया।

विवाद से रहा है नाता

विवाद से उनका गहरा नाता रहता है। वर्तमान में धनगर स्कूल में जैसे पदस्थ हुए सबसे पहले उनका विवाद वहां के शिक्षक पंकज पांडे से हुआ और उन्होंने चिल्लाने अभद्र भाषा में बात करने, जलील करने का आरोप उनके ऊपर लगाकर डीईओ, कलेक्टर व सचिव तक से मेल के द्वारा किया गया हैं। वर्तमान में वहां के प्रभारी प्राचार्य अमृतलाल हिमधर ने जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत किया है जिसमें संलग्न प्राचार्य भरत पटेल द्वारा चिल्लाने, अभद्र भाषा में बात करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप उनके ऊपर लगाया है। उन्होंने पत्र के माध्यम से उचित कार्यवाही करने का मांग करते हुए यहां तक लिखा है कि प्राचार्य को अन्यत्र किया जाए यदि उनको अन्यत्र नहीं किया जाता है।

उसी स्थिति में उनको स्वयं अन्य शाला में पदस्थ कर दिया जाए और इसी तरह का बयान कुसमुरा स्कूल के समस्त शिक्षक और शिक्षिकाओं ने महिला आयोग की जांच के दौरान दिया था कि हम भरत पटेल के व्यवहार आचरण और अभद्रता के कारण उनके साथ काम करना असंभव है। ऐसी स्थिति में यदि उनको अन्यत्र नहीं किया जाता तो हम शिक्षकों को भी अन्यत्र कर दिया जाए। इस तरह से देखा जाए तो प्राचार्य भरत पटेल का विवादों से गहरा नाता है। लेकिन उनका शासन और प्रशासन में ऐसा रसूख है कि उनका बाल भी बांका नहीं होता और इसी से उनके हौसले बुलंद हैं।

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