हाईकोर्ट: व्याख्याता पर कार्रवाई करने पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक, DEO ने आदेश जारी कर व्याख्याता को…

व्याख्याता के विरुद्ध कार्रवाई करने पर हाईकोर्ट ना लगाई रोक

HighCourt News: दिव्यांगता प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट ने व्याख्याता पर कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। मुंगेली जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कांटेली में पदस्थ व्याख्याता गोपाल सिंह राजपूत को जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली के आदेश दिनांक 23 अगस्त 2024 द्वारा दिव्यांगता परीक्षण कराए जाने हेतु डॉ भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर के ईएनटी विभाग में उपस्थित होने को कहा गया था। इस मामले में व्याख्याता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने गोपाल सिंह राजपूत के विरुद्ध प्रतिकूल कार्रवाई करने पर रोक लगा दिया है।

जानकारी के मुताबिक जिला मेडिकल बोर्ड बिलासपुर द्वारा 45% दिव्यांगता प्रमाण पत्र गोपाल सिंह राजपूत के पक्ष में जारी किया गया था, जिसके आधार पर गोपाल सिंह राजपूत वर्ष 2010 में शिक्षाकर्मी वर्ग एक के पद पर नियुक्त हुए। पंचायत विभाग में 8 वर्ष सेवा पूर्ण करने के पश्चात स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया, किंतु जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली के आदेश दिनांक 23.8.2024 के तहत गोपाल सिंह राजपूत व्याख्याता को निर्देशित किया गया कि 28.8.24 को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर के ईएनटी विभाग में उपस्थित होकर दिव्यांगता का परीक्षण करावे।

जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली के आदेश से परिवेशित होकर गोपाल सिंह राजपूत ने हाईकोर्ट अधिवक्ता मतिन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। मामले की सुनवाई 11 सितंबर 2024 को न्यायाधीश सचिन सिंह राजपूत के न्यायालय में हुई। न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने ये दलील दी  कि जिला मेडिकल बोर्ड बिलासपुर द्वारा जारी दिव्यागता प्रमाण पत्र को याचिकाकर्ता द्वारा पहले से ही विभाग में प्रस्तुत कर चुका है।

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छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के द्वारा प्रस्तुत लोकहितवाद को उच्च न्यायालय के डिवीजन बेंच द्वारा खारिज किया जा चुका है। इस आधार पर की राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है जिससे मौजूद डॉक्टरों पर मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन का अनावश्यक काम का बोझ बढ़ रहा है। उपरोक्त आधारों पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता के विरुद्ध प्रतिकूल करवाई पर रोक लगा दी है और उतरवादी शिक्षा विभाग के सचिव जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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