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हाईकोर्ट : रिकवरी के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक, रिटायरमेंट के डेढ़ माह बाद गलत वेतन गणना का हवाला देकर विभाग ने 2.23 लाख वसूली का दिया था आदेश

बिलासपुर 29 जुलाई 2023। रिटायरमेंट के डेढ़ माह बाद विभाग की तरफ से रिकवरी के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। दरअसल कांस्टेबल के पद से दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी 30 जून 2023 को रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के बाद विभाग ने करीब डेढ़ माह बाद वेतन की गलत गणना का हवाला देते हुए 2.23 लाख रुपये रिकवरी का आदेश जमा दिया। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, जिसके बाद कोर्ट ने रिकवरी के आदेश पर रोक लगा थी।

जानकारी के मुताबिक ब्राम्हणपारा, लोरमी, जिला मुंगेली निवासी दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी जिला बिलासपुर में पुलिस विभाग में आरक्षक (कान्सटेबल) के पद पर पदस्थ थे वे 30 जून 2023 को अपनी सेवानिवृत्ति आयु पूर्ण कर सेवा से रिटायर होने वाले थे परन्तु रिटायरमेन्ट के डेढ़ माह पूर्व पुलिस अधीक्षक (एसपी) बिलासपुर द्वारा उन्हें वर्ष 2006 से वर्ष 2022 तक वेतन निर्धारण त्रुटिपूर्ण होने के कारण अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर उनके सेवानिवृत्ति देयक से 2.23,200 रूपये का वसूली आदेश जारी कर दिया गया।

उक्त वसूली आदेश से शुब्ध होकर दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में वर्ष 2015 में स्टेट ऑफ पंजाब विरूद्ध रफीक मसीह एवं अन्य एवं वर्ष 2022 में थॉमस डेनियल विरूद्ध स्टेट ऑफ केरला एवं अन्य के बाद में यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया गया है कि किसी भी तृतीय श्रेणी शासकीय कर्मचारी इसके साथ ही ऐसे शासकीय कर्मचारी जिनके रिटायरमेन्ट को 01 (एक) वर्ष शेष है उन अधिकारी / कर्मचारी के सेवानिवृत्ति देयक से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है।

याचिकाकर्ता के विरूद्ध वसूली आदेश जारी किये जाने के पूर्व उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर प्रदान ना किये जाने से उक्त वसूली आदेश निरस्त किया जाने योग्य है। हाईकोर्ट जस्टिस पी. सैम कोशी द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित न्यायदृष्टांत के आधार पर उक्त आधारों पर कि तृतीय श्रेणी एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी के रिटायरमेन्ट दिनांक से 01 (एक) वर्ष पूर्व तक रिटायरल डयूज से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं हो सकती है। उक्त वसूली आदेश को निरस्त कर याचिकाकर्ता को सम्पूर्ण पेंशन राशि एवं अन्य रिटायरल दयूज का तत्काल भुगतान करने का निर्देश दिया गया।

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