CM की रैली में IPS अफसर की मौत: रैली के दौरान आया हार्ट अटैक, अस्पताल पहुंचने से पहले मौत….बिलासपुर में रह चुकें है SP….
हिमाचल 03 जनवरी 2023: हिमाचल CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मशाला रैली के दौरान ड्यूटी पर तैनात IPS अधिकारी साजू राम राणा की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वे हमीरपुर के जंगलबैरी पुलिस बटालियन में बतौर कमांडेंट तैनात थे। रैली के दौरान हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार, धर्मशाला में जोरावर स्टेडियम में मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की तरफ से आभार रैली आयोजित की गई। रैली में सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर साजू राम राणा सेक्शन इंचार्ज थे। ड्यूटी के दौरान ही वो अचानक जमीन पर गिर गए। इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। मगर, अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने उनके मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है। उनके निधन पर सीएम सुक्खू ने शोक जताया है। मौजूदा समय में वह जंगलबैरी में 4RTH IRB बटालियन के कमांडेंट थे।
IPS अधिकारी साजू राम मूल रूप से मंडी जिले के धर्मपुर के ध्वाली गांव के रहने वाले हैं। उनके दो बच्चे हैं। उनके निधन पर इलाके के लोगों की ओर से सोशल मीडिया पर शोक जताया गया है।
इससे पहले, एसआर राणा हिमाचल के बिलासपुर जिले में एसपी थे। बिलासपुर से पहले उनकी तैनाती किन्नौर में भी रही थी। कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान वह किन्नौर में तैनात थे। कांगड़ा के सीएम सुदर्शन सिंह ने उनकी मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि हर्ट अटैक आने से उनकी मौत हुई है।
1990 में पहनी पुलिस की वर्दी-
साजु राम राणा का जन्म 13 मई 1964 में मंडी जिले के धर्मपुर में हुआ। कॉमर्स में मास्टर डिग्री होल्डर एसआर राणा ने सितंबर 1990 में इंसपेक्टर के रूप में हिमाचल पुलिस ज्वाइन की। पालमपुर और घुमारवीं डीएसपी के बाद उन्हें डीएसपी हेड क्वार्टर कुल्लू की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद उन्होंने कांगड़ा, चंबा, बिलासपुर और सोलन जिले के एडिशनल एसपी की जिम्मेदारी भी निभाई। 31 मई 2024 को उनकी सेवानिवृत्ति भी होनी थी।
IPS प्रमोट हुए थे एसआर राणा-
एक लंबी प्रक्रिया के बाद राज्य पुलिस के बेहतरीन अफसरों को आईपीएस प्रमोट किया जाता है। एसआर राणा भी उनमें से एक थे, उनकी पहचान एक पेशेवर अफसर की रही और इसी प्रोफेशनल अप्रोच का नतीजा था कि उन्हें आईपीएस प्रमोट किया गया। साजु राम राणा को साल 2020 में आईपीएस में शामिल किया गया था।
राणा को मिले सम्मान-
मंडी जिले के धर्मपुर के ध्वाली गांव के रहने वाले एसआर राणा को उनकी सराहनीय सर्विस के लिए साल 2020 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजा गया। इसके अलावा उन्हें स्पेशल ड्यूटी के लिए दो पुलिस मेडल भी मिले। वो अपने जोश और कभी हार ना मानने वाले रवैये के साथ-साथ अपनी फिटनेस के लिए भी जाने जाते थे। मंगलवार को आईपीएस साजुराम राणा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को होगा।
नशे को मानते थे सबसे बड़ी समस्या-
सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करना और नशे के कारोबार पर नकेल कसना साजु राम राणा की प्राथमिकता में थे। वो मानते थे कि नशा किसी एक शख्स या परिवार की समस्या नहीं है। ये एक पूरे समाज की समस्या है और इसके खिलाफ लड़ने के लिए समाज के हर वर्ग को जिम्मेदारी निभानी होगी। एसआर राणा मौजूदा वक्त में चौथी इंडियन रिजर्व बटालिया (IRB), जंगल बैरी (हमीरपुर) के कमांडेंट थे। अपने कार्यकाल के दौरान वो पहली इंडियन रिजर्व बटालियन, बनगढ़ (ऊना) के भी कमांडेंट रहे। इस दौरान बटालियन ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेल प्रतियोगिताओं में दो बार बेस्ट बटालियन की ट्रॉफी अपने नाम की थी।
गलवान हिंसा के दौर मे निभाई अहम भूमिका-
आईपीएस एसआर राणा किन्नौर जिले के एसपी भी रहे। ये साल 2020 का वो वक्त था जब गलवान घाटी में भारत और चीन सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच माहौल तनावपूर्ण हो गया था। किन्नौर जिले की सीमाएं चीन से लगती हैं। दोनों देशों के बीच तनाव के कारण बॉर्डर पर स्थित गांवों के लोग डरे हुए थे। ऐसे में एसपी रहते हुए एसआर राणा ने सीमावर्ती गांवो का दौरा किया और लगभग 10 रात इन गांवों में ठहरकर ग्रामीणों का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ाया। उन्हें हिम्मत दी कि हिमाचल पुलिस हर वक्त उनके साथ है और उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। उनके इस प्रयास को काफी सराहना मिली थी।