ब्यूरोक्रेट्स

CG – अंततः कटघोरा DFO की सरकार ने कर दी छुटटी, मुख्यालय किया गया अटैच, एकलव्य विद्यालय के वन अधिकार मान्यता नही देने को लेकर आई थी सुर्खियों मे…..

 

कोरबा 21 फरवरी 2022 । आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिला के पाली में बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बनने वाले एकलव्य आवासीय विद्यायल पर ग्रहण लगाने वाली कटघोरा DFO की सरकार ने छुटटी कर दी है। तबादला आदेश में कटघोरा DFO को किसी दूसरे जिले का प्रभार ना देकर मुख्यायल में अटैच किया गया है।

गौरतलब है कि कटघोरा DFO शमा फारूकी का कटघोरा वन मंडल में पदस्थापना के बाद से ही विवादो से सीधा नाता रहा है। कटघोरा वन मंडल में मनमाने और गुणवत्ताही कार्य की बात हो या वन्य प्राणियों की मौत का……कटघोरा वन मंडल हमेशा से सुर्खियों में रहा है। इन सारे मामलों के बाद कटघोरा डीएफओं की मनमानी उस वक्त सामने आई जब पाली के लाफा में बनने वाले एकलव्य विद्यायल के लिए आबंटित भूमि का वन अधिकार मान्यता देने में डीएफओं ने नियमों का हवाला देकर अपने निर्णय पर अड़ी रही, जबकि प्रदेश के ही दूसरे जिलो में वन विभाग ने एकलव्य विद्यायल के लिए वन अधिकार मान्यता पत्र जारी कर दिया है।

इस पूरे प्रकरण में कोरबा सांसद ज्योत्सना मंहत सहित तानाखार विधायक मोहितराम केरकेटटा ने भी डीएफओं शमा फारूकी से सीधा संवाद कर बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आदेश जारी करने की बात कही गयी, लेकिन डीएफओं अपने फैसले पर अड़ी रही । लिहाजा इस वित्तीय वर्ष में भूमि का आबंटन नही हो पाने पर केंद्र सरकार से एकलव्य विद्यालय के लिए मिला 19 करोड़ का फंड लैप्स होना तय था। इस पूरे मुददे पर कलेक्टर रानू साहू ने भी डीएफओं से एकलव्य विद्यालय के लिए वन अधिकार मान्यता पत्र जारी करने की बात कही गयी, लेकिन डीएफओं ने ना तो किसी जन प्रतिनिधि की बात को सुनना जरूरी समझा और ना ही कलेक्टर के निर्देश का पालन करना उचित समझा। जानकारो की माने तो उल्टे डीएफओं शमा फारूकी ने इस पूरे मामले में खुद पर दबाव बनाने की शिकायत वन मंत्री से भी कर दी थी। चूकि मामला बच्चों के भविष्य से जुड़ा था, और इस पूरे प्रकरण में डीएफओं के अड़ियल रवैयये से प्रदेश सरकार की छवि बिगड़ती नजर आ रही थी। ऐसे में आज वन विभाग में निकले जम्बो तबादले की लिस्ट में कटघोरा डीएफओं की भी सरकार ने छुटटी कर दी है।

डीएफओं शमा फारूकी के अक्सर विवादो में रहने के कारण सरकार ने उन्हे दोबारा किसी जिले का डीएफओं बनाने के बजाये सीधे मुख्यालय मे अटैच कर दिया है। इस आदेश से समझा जा सकता है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर सरकार भी नाराज थी, और इसी का परिणाम रहा कि तबादला आदेश में कटघोरा डीएफओं को हटाने की कार्रवाई की गयी है। उधर कटघोरा डीएफओं के हटने के बाद अब एक बार फिर पाली विधानसभा के लाफा में अधर में लटके एकलव्य विद्यायल के बनने की उम्मींद है। ऐेसे में अब एक बार फिर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही जिला प्रशासन का प्रयास रहेगा कि वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ही स्कूल के लिए वन अधिकार मान्यता प्रमाण पत्र मिल जाये, ताकि केंद्र सरकार से मिले 19 करोड़ के फंड का सदुपयोग होने के साथ ही क्षेत्र के आदिवासी बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालय बन सके।

 

 

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