शिक्षक/कर्मचारी

स्थानांतरण प्रभावित शिक्षकों की आवाज बने केदार जैन और विरेंद्र दुबे… शिक्षक संघ की वर्चुअल बैठक में हुए शामिल, साथ देने का दिलाया भरोसा

रायपुर 14 फरवरी 2023। स्थानांतरण प्रभावित शिक्षकों को फिलहाल राहत नहीं मिली है। ना कोर्ट से उन्हें कोई फिलहाल राहत मिली है और ना ही सरकार के स्तर से पहल होती दिख रही है। हालांकि इन सबके बीच स्थानांतरण प्रभावित शिक्षक लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इधर स्थानांतरण प्रभावित शिक्षकों को दो  शिक्षक संगठनों का साथ मिला है।

आज शाम स्थानांतरण प्रभावित शिक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक में संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष केदार जैन और शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विरेंद्र दुबे भी जुड़े। दोनों नेताओं ने आश्वस्त किया कि वो उनके साथ हैं और इस मुद्दे पर उनका साथ देंगे। दोनों नेताओं ने बैठक में जुड़कर छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय शिक्षक संघ के सदस्यों की प्रमुख मांग के विषय में जानकारी प्राप्त की और भविष्य में मार्गदर्शन करने के बात कही। साथ ही राज्य शासन के समक्ष हमारी मांगों को पुरजोर तरीके से रखने का आश्वासन दिया गया।

इस दौरान विरेंद्र दुबे ने अपनी बात रखते हुए कहा कि

“जिस समय इस प्रकार के नियम बनाए जा रहे थे उस समय स्थानांतरण प्रभावितों की संख्या कम थी तथा भविष्य में आने वाली समस्याओं के विषय में जानकारी ना होने के कारण यथा समय कदम नहीं उठाया गया लेकिन अब जब इससे हमारे 25 से 27000 शिक्षक साथी स्थानांतरण की वजह से अपनी वरिष्ठता खो बैठे हैं किसी की 18 वर्ष किसी का 15 वर्ष किसी का 10 वर्ष किसी का 7 वर्ष की वरिष्ठता प्रभावित हो रहा है अब इस प्रकार के नियमों का दुष्प्रभाव शिक्षकों पर पड़ रहा है इस पर हमारा संगठन निश्चित रूप से पहल करेगा।”

वहीं केदार जैन ने कहा कि मैंने पूर्व में भी यह स्थानांतरण प्रभावितों की बात संसदीय सचिव चंद्र देव राय के पास रखी थी और समय आने पर आप की बात मुख्यमंत्री के समक्ष भी रखने का प्रयास करूंगा तथा मुझसे जितना हो सके मैं आप लोगों की मदद करूंगा लेकिन इससे पूर्व आप सभी संविलियन से पूर्व सेवा की गणना करते हुए पेंशन लागू कराने मे सहयोग करें

” प्रथम नियुक्ति तिथी से वरिष्ठता प्राप्त करने के लिए हमारा छत्तीसगढ राज्य स्तरीय शिक्षक संगठन साथ मिलकर वरिष्ठ प्रांत अध्यक्षों को साथ लेकर उनके मार्गदर्शन में कार्य करेगा और समय-समय पर हमारे अनुभवी अग्रजों का सहयोग लेते हुए स्थानांतरित शिक्षक अपने अपेक्षित लक्ष्य को प्राप्त करने भरसक प्रयास करेगा

क्या है स्थानांतरण प्रभावित शिक्षकों की समस्या

दरअसल प्रदेश में 2018 से पहले शिक्षाकर्मी के तौर पर काम कर रहे हजारों शिक्षकों ने अलग-अलग वजहों से तबादला कराया था। पंचायत विभाग के तत्कालीन नियमों के मुताबिक जो शिक्षाकर्मी तबादले के बाद जिस ब्लाक या जिला में ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे, वहां उनकी सीनियरिटी उस दिन दिन से मानी गयी, जिस दिन से उन्होंने तबादले के बाद से ज्वाइनिंग की। इस वजह से प्रदेश के 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों की सीनियरिटी अपने जूनियर से भी नीचे हो गयी। ऐसे अब जब प्रमोशन की प्रक्रिया चल रही है तो वो हजारों शिक्षक प्रमोशन से वंचित हो गये हैं। आलम ये है कि कई शिक्षक अपने ही जूनियर शिक्षक के अंडर में काम करने को मजबूर हैं।

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