UPSC टॉपर को सुनिये : दुर्ग में पांच यूपीएससी टॉपर ने अनुभव साझा किए, बताया सोशल मीडिया से दूर रहे, मौलिक मटेरियल से की पढ़ाई
रायपुर, 10 जून 2022। यूपीएससी में चयन के लिए जगह की बाधा नहीं होती। रायपुर से पढ़कर भी सलेक्शन होता है। बिना कोचिंग के भी सलेक्शन होता है। हिंदी मीडियम से भी सलेक्शन होता है और इसके लिए जरूरी नहीं कि सबसे प्रतिष्ठित संस्थाओं से आपने पढ़ाई की हो। दुर्ग में पांच टॉपर्स जुटे और सब अलग-अलग एजुकेशन फील्ड थे, सबने कहा कि अपने पसंद का सबजेक्ट चुनो और खूब पढ़ो।
रायपुर से टॉपर श्रद्धा शुक्ला ने कहा कि उन्होंने कोचिंग नहीं ली और मौलिक मटेरियल पढ़ा। रायपुर से ही पढ़ाई भी की। पूजा ने बताया कि वो मगरलोड से हैं घर में इंटरनेट का कवरेज ही नहीं। इंटरनेट चाहिए तो ऊपर छत पर जाना पड़ता है। फिर भी चयन में इसके लिए कोई बाधा नहीं आई। पूजा ने बताया कि उन्हें लगा कि सोशल मीडिया तो सबसे ज्यादा बाधक है। पढ़ाई के लिए और तीन साल तक सोशल मीडिया से दूर रहीं। उन्होंने कहा कि पहले दो अटेम्प खराब हुए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। निगेटिव लोगों से दूर रही। पाजिटिविटी आपके अंदर है इसके लिए मसूरी जाकर मोटिवेशन नहीं लेना पड़ता, ऐसा मोटिवेशन टिकता नहीं है। अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि कोई जॉब के साथ भी पढ़ाई कर सकता है। मैंने भी जॉब में रहते हुए पढ़ाई की इसलिए समय मैनेज करना पड़ा। अक्षय पिल्लै ने कहा कि इंजीनियरिंग के सब्जेक्ट लेकर भी चयनित हुआ जा सकता है। कोई भी विषय हो, उसमें आपकी पकड़ मायने रखती है। दिव्यांजलि ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी मैराथन दौड़ के जैसी है। इसमें सही रणनीति रखना बहुत जरूरी है।
कार्यशाला में कलेक्टर दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने भी अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने बताया कि जिस तरह साढ़े तीन घंटे आप लोग लगातार धैर्य से आज टॉपर्स को सुन रहे हैं। कुछ वर्षों पहले मैंने भी ऐसे ही एक कार्यशाला अटेंड की थी, जिसमें खड़े होकर साढ़े तीन घंटे टापर्स को सुना था। जहां आपके इंटेलीजेंस की सीमा होती है वहां से हार्डवर्क काम करना शुरू कर देता है।
पुलिस अधीक्षक दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव ने भी अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने कहा कि हार्ड वर्क का कोई विकल्प नहीं है। स्मार्ट वर्क की शुरूआत भी हार्ड वर्क से हुए अनुभवों से होती है। कोई यूपीएससी की तैयारी करें तो उसे पूरी तौर पर समर्पित होकर तैयारी करनी होगी। जब तक पूरे संकल्प से अपनी शक्ति इसमें झोंक नहीं देंगे, तब तक सफलता नहीं मिलेगी, लेकिन सही रणनीति से यदि कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता तय है।
क्या बोले टॉपर …
अक्षय पिल्ले ने साझा किए अपने अनुभव
- . रिजल्ट की चिंता न करें। अपनी पढ़ाई कीजिये।
- . कांसेप्ट की क्लैरिटी पर जरूर ध्यान दें।
- . जो विषय के विशेषज्ञ है उनसे चर्चा करते रहें।
- . अपनी रणनीति पर विचार करते रहें।
- . इंजीनियरिंग ऑप्शन के बारे में विस्तार से बताया।
- .इंटरव्यू पर बताया कि अपने होम स्टेट पर हॉबी पर अच्छी तैयारी करें।
- . छत्तीसगढ़ में है तो यहां की पालिसी पर विशेष ध्यान दें।
- .कोई नई हॉबी आविष्कृत न करें।
- . दिन में 8 से 10 घण्टे पढ़ते हैं पर मेरा मानना है कि पढ़ने की गुणवत्ता अधिक महत्वपूर्ण है।
216 रैंक प्राप्त दिव्यांजली जायसवाल ने साझा किए अपने सफलता के बिंदु
- . मेरा विकल्प पोलिटिकल साइंस था।
- .upsc एक मैराथन की तरह है। बहुत धैर्य रखना जरूरी है।
- . upsc में किसी को फॉलो करना सही नहीं, अपनी प्रकृति के मुताबिक रणनीति बनाये।
- . तीनों चरण के बारे में बताया। प्रैक्टिस खूब की मैंने प्रीलिम्स में। सामान्य अध्ययन में विषय के अनुरूप निर्णय लिया।
- . किसी एक पुस्तक को लेकर बार बार पढ़ें। ncert जरूर पढ़ें।
- . निबंध के लिए सीनियर से जरूर चेक कराएं और सजेशन लें।
- . पूरे प्रश्न करना और उत्तर की गुणवत्ता बनाये रखना बहुत जरूरी है।
- . इंटरव्यू में यह जरूरी है कि अपना बॉयोडाटा सही भरें। उदाहरण के लिए हॉबी के चयन में यह जरूरी है कि उस पर आपकी गहरी पकड़ हो।
पूजा साहू जो मगरलोड से हैं उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
- . मेरे गांव में इंटरनेट नहीं है। कवरेज में आने के लिए छत पर जाना होता है।
- . गांव में 70 प्रतिशत आबादी है। हम सलेक्ट नहीं होंगे तो कौन होगा।
- . प्रेरणा के लिए आपको मसूरी अकादमी जाने की जरूरत नही, आप स्वतः प्रेरित होकर इसे कर सकते हैं।
- . पहली दो बार प्रीलिम्स नहीं हुआ। फिर गलती तीसरे प्रयास में सुधारी। किताब बार- बार पढ़ी। यह सबसे जरूरी है। जितना मॉक देंगे, उतना अच्छा है।
- . अपने परिवेश को observe करिए। ये मैंने माँ से सीखा। इससे मुझे बहुत हेल्प मिली।
- . मैंस में गुणवत्ता बहुत जरूरी है। स्पीड भी मेंटेन करना जरूरी है।
- . मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। फिर आर्ट्स के सब्जेक्ट पढ़े। चेंज से डरिये मत। इंटरनेट का अच्छा यूज़ कीजिये।
- . मेरी हॉबी मूवी देखना थी। उस पर अच्छी तैयारी की।
- . ब्रेक लेकर पढ़ाई करें। टारगेट बनाये और पढ़ें।
- . नेगेटिव लोगों से दूर रहें। पॉजिटिव सोचें। किसी को मंजिल जल्दी मिलती है। किसी को देर से। चलते रहें तो सबको सफलता मिलेगी।
- . जब कलेक्टर सर ने पूछा कि जब पहले दो प्रयास सफल नही हुए तो कैसे अपने को संभाला। पूजा ने कहा कि गीता के निष्काम कर्म का संदेश मेरे अभिभावकों ने बताया, इसे ही फॉलो किया।
- .3 साल सोशल मीडिया से दूर रही। इसका लाभ मिला।
अभिषेक अग्रवाल ने रणनीति साझा की।
- . प्रीलिम्स में पैटर्न पर प्रश्न आते हैं। पैटर्न पहचाने।
- . प्री में पहले राउंड में वही प्रश्न करें जो sure हों। फिर दूसरे राउंड में यदि काफी पढ़ा हो तो कुछ प्रश्नों पर जोखिम ले सकते हैं।
- . थीमेटिक मैप ज्यादा काम के होते हैं।
- . यदि टेक्निकल में साउंड हों तो ऐसे ऑप्शन ले सकते हैं।
- . essay पर विशेष फोकस करें। कई बार अभ्यर्थी इसे गंभीरता से नहीं लेते।
- . प्रश्न को गंभीरता से समझना सही उत्तर देने का पहला स्टेप है।
- . अखबार में एडिटोरियल ज्यादा पढ़ता हूँ।
- . जब जॉब में हों तो समय कम होता है तो प्रियॉरिटी तय करें।
- . सेल्फ कंट्रोल जरूरी है ताकि पढ़ाई के लिए वक़्त दे सकें।