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भारत में इस समय दिखेगा चंद्र ग्रहण…सूतक काल लगने से पहले निपटा लें ये 3 काम…ग्रहण में इन मंत्रों का करे जाप

नई दिल्ली 7 नवंबर 2022 कार्तिक पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान सभी तरह के धार्मिक काम, पूजा पाठ, अनुष्ठान बंद रहेगा। सूतक काल में मंदिर के द्वार भी बंद रखे जाते हैं। इतना ही नहीं इस समय कुछ खाना पीना भी नहीं चाहिए। सूतक काल शुरू होने से पहले घर में सभी पानी के बर्तनों और खानों में तुलसी का पत्ता रख देना चाहिए। तुलसी किसी भी चीज पर सूतक का प्रभाव नहीं लगने देती हैं।

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को शाम 5 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगा और शाम 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले इसका सूतक काल लग जाता है।

  1. तुलसी के पत्ते: ग्रहण काल में तुलसी के पत्तों को विशेष महत्व बताया गया है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण लगने से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए. इससे खाद्य पदार्थ ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचे रहते हैं और इन्हें बाद में आसानी से खाया जा सकता है।

हालांकि तुलसी के पत्तों को तोड़ने का भी एक निश्चित समय होता है। आपको न तो ग्रहण काल में तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए और न ही सूतक काल में। बेहतर होगा कि आप सूतक काल से पहले ही तुलसी के पत्तों को तोड़कर रख लें और ग्रहण लगने से पहले ही उन्हें खाने में डाल दें।

2 मंदिर के कपाट: चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इन्हें चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही खोला जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस अवधि में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से बचना चाहिए। ग्रहण काल में देवी-देवताओं की पूजा वर्जित होती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने घर के मंदिरों के कपाट भी बंद ही रखें। इन्हें सूतक काल के प्रारंभ से लेकर ग्रहण समापन तक बंद रखें।

इन मंत्रो का करे उच्चारण
ऊँ इन्द्राय नमः
ऊँ अग्नये नमः
ऊँ सोमाय नमः
ऊँ त्वष्ट्राय नमः
ऊँ रुद्राय नमः
ऊँ पूखनाय नमः
ऊँ विष्णुवे नमः
ऊँ अश्विनीये नमः
ऊँ मित्रावरूणाय नमः
ऊँ अंगीरसाय नमः

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