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जैसलमेर में मिला सबसे पुराना शाकाहारी डायनासोर का जीवाश्म, चीन से भी पुराना है डेटिंग

10 अगस्त 2023 जैसलमेर में वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर ‘थारोसोरस इंडिकस’ के जीवाश्म खोजने का दावा किया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि रेगिस्तान में मिले थारोसोरस की रीढ़ लंबी थी और सिर पर ठोस नोक होती थी। ये जीवाश्म चीन में मिले जीवाश्म से भी पुराने हैं।

थार रेगिस्तान में मिले डायनासोर के जीवाश्म को ‘थारोसोरस इंडिकस’ यानी भारत के थार का डायनासोर नाम दिया गया है। जैसलमेर में आज भले ही थार रेगिस्तान है, लेकिन 16.7 करोड़ साल पहले यहां दुनिया का सबसे पुराना शाकाहारी डायनासोर रहा करता था।

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के वैज्ञानिक देबाशीष भट्टाचार्य, कृष्ण कुमार, प्रज्ञा पांडे और त्रिपर्णा घोष ने 2018 में रिसर्च शुरू किया था। जिले के जेठवाई गांव की पहाड़ियों में रिसर्च के दौरान सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर थारोसोरस के जीवाश्म मिले थे। सबसे ज्यादा डायनासोर की रीढ़, गर्दन, सूंड, पूंछ और पसलियों के जीवाश्म मिले थे|

मिले जीवाश्म पर 2022 से शुरू हुई स्टडी

वज्ञानिकों की खोज में सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर की रीढ़, गर्दन, सूंड, पूंछ और पसलियों के जीवाश्म मिले थे. इन पर आईआईटी रुड़की के सुनील बाजपेयी और देबाजित दत्ता ने 2022 में अध्ययन शुरू किया. वैज्ञानिकों ने बताया कि थारोसोरस की रीढ़ लंबी थी और सिर पर ठोस नोक होती थी. इसे डायनासोरों के प्राचीन परिवार डायक्रेओसोराइड सोरोपॉड्स में रखा गया है. इस परिवार के डायनासोर की गर्दन लंबी, सिर छोटे होते थे और वे शाकाहारी होते थे.

महत्वपूर्ण है यह खोज

थारोसोरस के रूप में भारत में पहली बार एक डायक्रेओसोराइड सोरोपॉड मिला है. यह करीब 40 फीट लंबे होते थे. उनकी गर्दन और पूंछ छोटी होती थी. डायनासोर का परिवार डिप्लोडोसॉइड नामक एक विस्तृत डायनासोर प्रजाति में आता है. भारत में इससे पहले किसी डिप्लोडोसॉइड का जीवाश्म नहीं मिला था. थारोसोरस से पहले चीन में मिले डाईक्रेओसोराइड के जीवाश्म को सबसे प्राचीन समझा जाता था. वह 16.6 करोड़ से 16.4 करोड़ वर्ष पुराना था. भारत में हुई ताजा खोज ने चीन के जीवाश्म को 10 से 30 लाख साल पीछे छोड़ दिया है.

डिप्लोडोसॉइड डायनासोर की उत्पत्ति का केंद्र भारत

मध्य भारत में इससे भी प्राचीन सोरोपॉड्स बारापासोरस और कोटासोरस मिले हैं. उनका समय 19.9 करोड़ से 18.3 करोड़ वर्ष पूर्व का माना जाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार इन सभी खोजों को जोड़ कर देखें तो पुख्ता संकेत मिलते हैं कि भारतीय उपमहाद्वीप डिप्लोडोसॉइड डायनोसोरों की उत्पत्ति और क्रमिक-विकास का केंद्र था.

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