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मंत्री अमरजीत भगत की टिप्पणी पर भड़का विपक्ष…..मंत्री के खेद जताने व शब्दों को विलोपित करने के बाद भी खत्म नहीं हुआ गतिरोध….भाजपा ने कहा- अमरजीत के सवालों में नहीं लेंगे भाग…नेता प्रतिपक्ष

रायपुर 15 दिसंबर 2021। छत्तीसगढ़ विधानसभा में उस वक्त गतिरोध की स्थिति बन गयी, जब मंत्री अमरजीत भगत ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर एक टिप्पणी कर दी। हालांकि मंत्री के इस टिप्पणी को तुरंत विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने विलोपित कर दिया। लेकिन भाजपा के विधायकों ने इस पर हंगामा शुरू कर दिया और बेल में आ गये। भाजपा विधायकों का आरोप था कि मंत्री अमरजीत भगत ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ असंसदीय टिप्पणी की है। हालांकि अध्यक्ष बार-बार ये कहते रहे कि उन्होंने इस शब्द को विलोपित कर दिया है, लेकिन फिर भी भाजपा विधायकों का शोरगुल जारी रहा।अध्यक्ष ने कहा कि

उन्होंने मंत्री की कही बातों को विलोपित कर दिया है, अपने शब्दों पर माफी के लिए मंत्री अपने विवेक से निर्णय लें।

अध्यक्ष के निर्देश के बाद मंत्री अमरजीत भगत ने अपनी कही बातों के लिए खेद जताया, उन्होंने कहा कि

“उनका संदर्भ ये था कि भाजपा विधायक कभी भी धान के मुद्दे पर केंद्र में जाकर अपनी बातें नहीं कहते, लेकिन फिर भी उनकी बातों से अगर किसी को ठेस पहुंचा है तो वो इसके लिए खेद व्यक्त करते हैं”

हालांकि इस दौरान भाजपा विधायक बेल में चले आये थे। छत्तीसगढ़ विधानसभा की संसदीय परंपरा के मुताबिक बेल में आने वाला सदस्य स्वमयेव निलंबित हो जाता है, लिहाजा भाजपा के सभी विधायक निलंबित हो गये, हालांकि इसके तुरंत बाद सभी विधायकों का निलंबन वापस भी ले लिया गया।

निलंबन समाप्ति के बाद जब भाजपा विधायक सदन में लौटे तो विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में खड़े होकर ये कह दिया कि वो अब से मंत्री अमरजीत भगत के सवाल में भाग नहीं लेंगे। हालांकि अध्यक्ष ने फिर से अपनी बातों को दोहराते हुए कहा कि मंत्री ने खेद जता दिया है, उनके शब्दों को विलोपित कर दिया गया है। अब ये गतिरोध खत्म होना चाहिये। जिसके बाद शिवरतन शर्मा ने खड़े होकर कर यहां संसदीय कार्यमंत्री बैठे हैं, सबसे सीनियर हैं,बावजूद उन्होंने इस पर कुछ नहीं कहा। उनकी मौजूदगी में संसदीय परंपरा तार-तार हुई है।

इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि

“आप ये क्यों समझते हैं कि हर उत्तर आपके अनुसार आयेगा, हम सब व्यक्तिगत जीवन में है और डाक्टर साहब का बहुत सम्मान है, आपसे भी ज्यादा सम्मान है उनका, लेकिन कुछ आंकड़ों में अंतर आ गया तो उन्होंने खेद भी जताया है”

इसके बाद सवालों का क्रम बढ़कर जैसे ही 5वें नंबर पर आया, तो सवाल पूछने की बारी धरमलाल कौशिक की आयी, लेकिन धरमलाल कौशिक ने ये कहकर सवाल पूछने से मना कर दिया कि ….

गतिरोध अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए हम मंत्री अमरजीत भगत के किसी भी सवाल में भाग नहीं लेंगे।

जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मंत्रीजी ने भी खेद जता दी है और मैंने भी शब्दों को विलोपित कर दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ..

“मैंने शब्दों को विलोपित कर दिया है और मंत्रीजी ने भी खेद जता दिया है, मुझे लगता है कि गतिरोध खत्म हो गया है, सदन में आपको जो सवाल पूछने का अधिकार मिला है, उसका इस्तेमाल करें। सदन में उपस्थित रहकर सवाल नहीं पूछना मुझे लगता है कि ….”

अध्यक्ष के निर्देश के बाद भी नेता प्रतिपक्ष ने अपना सवाल नहीं पूछा, जिसके बाद सवाल का क्रम आगे बढ़ा दिया गया।

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