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इजरायल से 212 भारतीयों का पहला जत्था दिल्ली पहुंचा,छात्रों के चेहरे पर दिखी वतन वापसी की खुशी

नई दिल्ली 13 अक्टूबर 2023। फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के साथ इजराइल के युद्ध के बीच देश छोड़ने के इच्छुक 212 भारतीयों को लेकर शुक्रवार को पहला विमान दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गया है। इज़राइल से 212 भारतीय नागरिकों को लेकर पहली उड़ान दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरी। उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर उपस्थित रहे।

ऑपरेशन अजय के तहत इज़रायल से भारत लाए गए एक भारतीय नागरिक ने कहा, “इज़रायल में युद्ध शुरू होने के बाद हमें भारत से हमारे परिवार और दोस्तों के फोन आने लगे थे, सभी हमारे लिए फिक्रमंद थे। मैं हमारे लिए इस ऑपरेशन के इज़रायल से भारत सुरक्षित लाए जाने पर भारत सरकार और भारत के विदेश मंत्रालय का शुक्रिया अदा करता हूं।”

इजरायल में रह रहे हैं 18 हजार भारतीय 

भारत सरकार ने अपने उन नागिरकों की वापसी को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया है जो स्वदेश लौटना चाहते हैं। इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि हम हालात पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 18,000 भारतीय में इजरायल में रह रहे हैं, जबकि लगभग 12 लोग वेस्ट बैंक में और तीन-चार लोग गाजा में हैं।

दूसरी उड़ान की तैयारियां जारी

भारतीय दूतावास ने पहली उड़ान के लिए भारतीयों को शॉर्टलिस्ट किया था। अगली उड़ान की तैयारियां भी भारतीय दूतावास कर रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से एलान किया गया था कि भारत सरकार ऑपरेशन अजय चलाकर लोगों को वहां से निकालेगी। देश लौटने के इच्छुक हर भारतीय को लाया जाएगा। जिसके बाद पहली उड़ान बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लौटी है।

बुधवार को ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू करने का ऐलान

भारत सरकार ने बुधवार को ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू करने की घोषणा की थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘इजरायल से लौटने के इच्छुक हमारे नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए ‘ऑपरेशन अजय शुरू किया जा रहा है। विशेष चार्टर उड़ानें और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।’ विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा, ‘हम विदेश में हमारे नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।’

ऑपरेशन अजय के तहत इज़रायल से भारत आई एक महिला ने कहा, “मेरा बेटा अभी केवल 5 महीने का है, हम जिस जगह पर थे वह सुरक्षित था लेकिन भविष्य के हालात को देखते हुए हमने भारत आने का फैसला लिया। पहली रात हम सो रहे थे तभी एक सायरन बजा, हम वहां पर पिछले 2 वर्ष से थे हमने ऐसी परिस्थिति पहले कभी नहीं देखी थी। हम शेल्टर में गए, हम 2 घंटे के लिए शेल्टर में रहे। हम अब काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं, मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री का धन्यवाद करती हूं।”

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