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आदमखोर बाघ को मारने का आदेश: 7 दिन से छका रहा आदमखोर बाघ अब तक ले चुका है 12 लोगों की जान….आदमखोर बाघ T-23 को गोली मारने का आदेश जारी

चेन्नई 2 अक्टूबर 2021। अब तक 12 लोगों को  मार चुके आदमखोर बाघ को मारने का आदेश दिया गया है। 6 दिन से फारेस्ट अफसरों को छका रहा ये  बाघ अब तक कई जानवरों को भी मार चुका है। तमिलनाडु में लोग आदमखोर बाघ की वजह से दहशत में हैं। शुक्रवार को इस नरभक्षी ने एक और इंसान की जान ले ली। हाल के दिनों में इस आदमखोर का यह चौथा शिकार था।हालांकि पिछले कुछ महीनों में इसने 12 लोगों की जान ली है।

यहां मुख्य वन संरक्षक शेखर कुमार नीरज ने इस आदमखोर को जल्द से जल्द मौत की नींद सुला देने का आदेश जारी किया है। इस बाघ ने गुडालर में एक चरवाहे को मार डाला है। अब इसके बाद वन विभाग ने इस बाघ को पकड़ने के लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया है।

बताया जा रहा है कि यह बाघ जख्मी है। इसने वन विभाग के करीब 100 अधिकारी और कर्मचारियों को छकाया है। इतना ही नहीं इसने कुछ केरल से आए स्पेशल टास्क फोर्स के कुछ जवानों को भी छकाया है। पिछले 6 दिनों में यह आदमखोर 2 प्रशिक्षित हाथियों की आंखों में भी धूल झोंकने में कामयाब रहा। 29 सितंबर को इसने एक बकरी को मार डाला था। इसके बाद बाघ मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में घुस गया। इसने यहां 85 साल के एक बुजुर्ग को भी मार डाला था।

जिसकी वजह से रिजर्व के पास के गांव में रहने वाले लोगों के बीच दहशत फैल गई थी। गांव वालों ने इस बाघ को जाल बिछा कर पकड़ने की मांग की है। इस मामले में गुडालर के विधायक पोन जयासिलन ने भी तुरंत एक्शन लेने की मांग की है। इस बाघ ने अब तक 4 लोगों को मार डाला। इसके अलावा उसने 20 गायों और एक बकरी को भी मार डाला है।

तमिलनाडु के मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन शेखर कुमार नीरज ने गुडलूर के सिंगारा में ‘टी23’ बाघ को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए है। इसके लिए शुक्रवार को कार्रवाई को अंजाम देने वाले अधिकारियों की टीम और एसटीएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। स्थानीय लोगों का दावा है कि सिंगारा और मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के आस-पास के क्षेत्र में एक ही बाघ टी23 द्वारा यह चौथी मानव हत्या थी।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 11 (1) (ए) के तहत, राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन के पास जंगली जानवरों के शिकार के लिए आदेश जारी करने की शक्तियां हैं। बाघों के संरक्षण को लेकर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने आबादी में घुसे आदमखोर बाघ को पकडऩे या मारने के फैसले से पहले एनटीसीए को भी इस बारे में सूचित करना होगा।
वहां से हरी झंडी मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। जंगल से सटे गांवों में अक्सर मानव और वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं सामने आती रहती हैं। जंगल से आकर कई बार बाघ आबादी में घुस जाते हैं और इंसानों पर भी हमला कर देते हैं। ऐसे में अब तक टाइगर रिजर्व व वन विभाग के अधिकारियों को स्थिति के अनुसार बाघ को पकडऩे अथवा मारने की अनुमति राज्य के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक से लेनी होती थी। लेकिन अब एनटीसीए ने सभी राज्यों के टाइगर रिजर्व के अधिकारियों व राज्य के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को नई गाइड लाइन जारी कर दी है।
बशर्ते कि किसी भी जंगली जानवर को मारने का आदेश तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि मुख्य वन्य जीवन वार्डन संतुष्ट न हो कि ऐसे जानवर को पकड़ा, शांत या स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।

 

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