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OPS की ताकत से हिमाचल में तख्ता पलट : वीरेंद्र दुबे बोले- छत्तीसगढ़-राजस्थान की तर्ज पर पूरे देश में बहाल हो पुरानी पेंशन योजना

  • हिमाचल प्रदेश के परिणाम ने पूरे देश मे दिखाई कर्मचारियों की ताकत
  • सत्तारूढ़ पार्टी के हार का प्रमुख कारण पुरानी पेंशन योजना लागू न करना

रायपुर 9 दिसंबर 2022। हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा काफी गरमाया हुआ था। विपक्ष ने सत्ता में आते ही पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर दी है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर अपना रुख पूरी तरह साफ नहीं किया था। हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी लंबे समय से आंदोलनरत है। पिछले करीब दो माह से नई पेंशन बहाली स्कीम को लेकर कर्मचारी अधिकारी संघ क्रमिक अनशन पर बैठा हुआ था, लेकिन सरकार ने उनकी सुध नही ली, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त था। उसी आक्रोश के परिणाम स्वरूप कर्मचारियों ने वर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया।

पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र दुबे ने बताया कि पुरानी पेंशन योजना बहाली को लेकर पूरे देश मे कर्मचारी अपनी मांगों को शासन तक लगातार पहुंचा रहे है पर भी केंद्र सरकार एवं कई राज्यों के सरकार ने अभी तक कोई फैसला नही लिया है । हिमाचल चुनाव के परिणाम के बाद पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा पूरे देश मे फिर से गरमाएगा। यदि पुरानी पेंशन योजना को लागू नही किया जाता तो आने वाले चुनाव में भी कर्मचारियों के आक्रोश से सरकारों को जूझना होगा।

जिसके तहत सरकार द्वारा पूरी पेंशन राशि दी जाती थी, एक अप्रैल 2004 से देश में बंद कर दी गई थी.नोप्रुफ महासचिव वीरेंद्र दुबे ने कहा कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने भी हिमाचल के चुनाव नतीजों को कर्मचारियों की जीत करार दिया। हिमाचल की जनता ने कर्मचारियों की परेशानियों को समझा। पहले पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आंदोलन को सहयोग किया। अब चुनाव नतीजों ने भी पुरानी पेंशन बहाली के प्रभाव को साबित कर दिया है। पूरे देश में भी लोकसभा चुनाव से पहले हर हाल में पुरानी पेंशन बहाली को सुनिश्चित करे।

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