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पेगासस कांड की जांच होगी…., सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जासूसी मंजूर नहीं, देखें समिति में कौन-कौन

नई दिल्ली 27 अक्टूबर 2021 सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया है।  सुप्रीम कोर्ट ने इस कांड की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है. तीन सदस्यीय इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरवी. रवींद्रन करेंगे. वहीं, अन्य सदस्य आलोक जोशी और संदीप ओबेरॉय होंगे. आदेश के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने कहा कि हम कानून का शासन सुनिश्चित करना चाहते हैं. हमने हमेशा मौलिक अधिकारों की रक्षा की है. निजता की रक्षा हर कोई चाहता है. निजता के अधिकार की कुछ सीमाएं हैं, लेकिन इसका हनन कानूनी तरीके से ही होना चाहिए.

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने 13 सितंबर को मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि वह केवल यह जानना चाहती है कि क्या केंद्र ने नागरिकों की कथित जासूसी के लिए अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया या नहीं? पीठ ने मौखिक टिप्पणी की थी कि वह मामले की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन करेगी।

पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर केंद्र द्वारा कोई विशेष खंडन नहीं किया गया, इस प्रकार हमारे पास याचिकाकर्ता की दलीलों को प्रथम दृष्टया स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, हम एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त करते हैं जिसका कार्य सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी को आरोपों की पूरी तरह से जांच करने और अदालत के समक्ष रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही मामले की सुनवाई 8 सप्ताह के बाद तय कर दी है। एक्सपर्ट कमेटी में तीन सदस्य होंगे। तीन सदस्यीय समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरवी रवींद्रन करेंगे, वहीं अन्य सदस्य आलोक जोशी और संदीप ओबेरॉय होंगे।

 

 

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